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लघु उद्यमों का सरकारी बकाया चुकाने के लिए बनाया जाएगा 1 लाख करोड़ रुपये का फंड : गडकरी

मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में सभी आवश्यक अनुमतियों में तेजी लाने के लिए इस पहल की निगरानी करने के लिए तैयार हैं।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 07:11 PM (IST)
लघु उद्यमों का सरकारी बकाया चुकाने के लिए बनाया जाएगा 1 लाख करोड़ रुपये का फंड : गडकरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के उपक्रमों के साथ-साथ MSME के बकाया भुगतान को चुकाने के लिए सरकार 1 लाख करोड़ रुपये का फंड देगी।

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गडकरी ने कहा कि उन्होंने कोष बनाने की योजना तैयार कर ली है। प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा, हमने एक लाख करोड़ रुपये का कोष बनाने का निर्णय किया है। हम इस कोष का बीमा कराएंगे और सरकार इसका प्रीमियम जमा करेगी। हमने एक फॉर्मूला तैयार किया है जिसमें कोष के आधार पर ब्याज का बोझ बैंक, भुगतान पक्ष और भुगतान पाने वालों के बीच साझा किया जाएगा। यह कोष एमएसएमई कंपनियों का लोक उपक्रमों, केंद्र और राज्य सरकारों पर बकाये को चुकाने के काम आएगा। गडकरी के पास एमएसएमई के साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का भी प्रभार है। 

उन्होंने कहा कि इस कोष से एमएसएमई कंपनियों की एक सीमा तक मदद की जा सकेगी। यह समय के साथ काम करने वाला कोष होगा इसलिए इससे बाजार में अतिरिक्त नकदी पहुंचाने में भी आसानी होगी। उद्योग मंडल एसोचैम के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गडकरी ने भारतीय उद्योगों से बड़ी वैश्विक कंपनियों के साथ पूंजी निवेश के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए कहा। 

साथ ही सुझाव दिया कि औद्योगिक संगठन को चीन में मौजूदगी रखने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य उद्योगों की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए और उन्हें भारत में कारोबार के लिए आमंत्रित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि फंड एक मोबाइल फंड होगा जो बाजार में नकदी बढ़ाने में मदद करेगा। गडकरी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एसोचैम के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में सभी आवश्यक अनुमतियों में तेजी लाने के लिए इस पहल की निगरानी करने के लिए तैयार हैं।

गडकरी ने कहा कि वह एमएसएमई की नकदी के मुद्दे को कम करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जीएसटी और आयकर रिफंड में तेजी लाने के मुद्दे को उठाएंगे। 


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