ऐतिहासिक गिरावट के बाद संभला रुपया, आगे भी जारी रह सकता है उतार-चढ़ाव
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे चढ़कर 68.61 के स्तर पर खुला है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शुक्रवार के कारोबार में डॉलर क मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। गुरुवार के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर के बाद आज डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे चढ़कर 68.61 के स्तर पर खुला है। रुपये में तेजी का कारण बैंकों और निर्यातकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की हालिया बिकवाली है। इसका एक कारण कमजोर वैश्विक संकेत और महंगाई को लेकर चिंता भी है।
फॉरेक्स डीलर्स का मानना है कि बैंकों और निर्यातकों की ओर से डॉलर की बिकवाली से अन्य देश की मुद्राओं की तुलना में ग्रीनबैक (डॉलर) में कमजोरी देखने को मिली है। इससे रुपये को बल मिला है।
साथ ही इसके शुक्रवार के कारोबर में भारतीय शेयर बाजार की मजबूत शुरुआत से भी रुपये को समर्थन मिला है। माना जा रहा है जियो पॉलिटिकल (भू राजनैतिक) तनाव के चलते आने वाले दिनों में भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
क्या है रुपये का हाल
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया करीब 12.30 बजे 19 पैसे मजबूत होकर 68.59 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं गुरुवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की रिकॉर्ड क्लोजिंग हुई थी। यह 18 पैसे गिरकर 68.79 के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले रुपये की ऐतिहासिक निम्नतम क्लोजिंग 68.73 रही थी। रुपये का यह स्तर 24 नवंबर, 2016 को देखा गया था।
रुपये की कमजोरी से भी होते हैं फायदे, जानिए
रुपये का कमजोर होना कई मायनों में देश के लिए फायदेमंद भी है। रुपये की कमजोरी यानी डॉलर के मजबूत होने से आईटी और फॉर्मा के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होता है। इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस्ड होती है। ऐसे में डॉलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों को फायदा होता है। वहीं डॉलर की मजबूती से ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों को भी फायदा होता है क्योंकि ये डॉलर में फ्यूल बेचती हैं।