Move to Jagran APP

Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में जबरदस्त उछाल, हासिल किया एक महीने का उच्चतम स्तर

Rupee vs Dollar रुपये ने आज जबरदस्त मजबूती हासिल की। मुद्रास्फीति की दर ऊंची बने रहने के बावजूद यह एक बड़ी सफलता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक रेपो दर में 140 आधार अंकों की वृद्धि की है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2022 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:47 PM (IST)
Rupee vs Dollar: Rupee over 1 month high against US dollar

मुंबई, एजेंसी। डॉलर में गिरावट और विदेशी निवेश की आमद में बढ़ोतरी के बाद मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले (Rupee vs Dollar) 40 पैसे बढ़कर 79.12 पर पहुंच गया। यह पिछले एक महीने में रुपये का सबसे मजबूत स्तर है।

loksabha election banner

इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.12 पर कारोबार कर रहा था, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 79.52 बंद हुआ था। डॉलर की कमजोरी और इनलाइन सीपीआई डाटा (खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े) जारी होने के बाद रुपये में मजबूती आई।

क्यों मजबूत हुआ रुपया

एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिकी मुद्रास्फीति के आज शाम को जारी होने वाले आंकड़ों को देखते हुए डॉलर पर दबाव घटा है। अमेरिका में मुद्रास्फीति के 8.1 प्रतिशत तक आने की उम्मीद है, जबकि पहले इसके 8.5 प्रतिशत पर बने रहने की संभावना जताई जा रही थी।

ये आंकड़े डॉलर को नकारात्मक रैली दे रहे हैं। मुद्रास्फीति के घटने से फेड पर दबाव कम पड़ेगा। इससे डॉलर की मांग भी कमजोर होगी। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि फेड अपनी दरों में 0.75 बीपीएस की वृद्धि कर सकता है, लेकिन अगर मुद्रास्फीति में गिरावट आती है तो यह बढ़ोतरी 0.50 या 0.25 तक ही होगी।

कैसा है डॉलर इंडेक्स का हाल

डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.26 फीसद गिर गया। खबर लिखे तक घरेलू इक्विटी बाजार में, सेंसेक्स 470.64 अंक या 0.78 प्रतिशत बढ़कर 60,585.77 पर और निफ्टी 137.95 अंक या 0.77 प्रतिशत बढ़कर 18,074.30 पर कारोबार कर रहा था।

बता दें कि खाद्य कीमतों में तेजी के कारण सउपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अगस्त में बढ़कर 7 प्रतिशत हो गया, जो जुलाई में 6.71 प्रतिशत था। यह लगातार आठवां महीना है, जब महंगाई की दर केंद्रीय बैंक के 6 प्रतिशत के अधिकतम टॉलरेंस बैंड से ऊपर बनी हुई है। सरकार ने मार्च 2026 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के लिए आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 2 से 4 प्रतिशत के बीच बनाए रखना अनिवार्य कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.