ऐतिहासिक गिरावट के साथ एक डॉलर की कीमत हुई 70 रुपये
रुपये में गिरावट की प्रमुख वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी टेंशन और क्रूड में जारी अनिश्चितता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रुपये में ऐतिहासिक गिरावट आई है। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 70 के स्तर तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे न्यूनतम स्तर है। दिन के कारोबार में रुपया 23 पैसे की बढ़त के साथ 69.68 पर खुला था। लेकिन थोड़ी ही देर में रुपया गोता लगाते हुए 70 तक जा पहुंचा।
रुपये में आई गिरावट की वजह तुर्की में गहराता वित्तीय संकट है। अमेरिकी प्रतिबंध के बाद तुर्की की करेंसी लीरा अब तक 40 फीसद से अधिक टूट चुका है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की आशंका को हवा दे रहा है।
सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 69.93 पर बंद हुआ था।
भारतीय विशेषज्ञों ने पहले ही रुपये में आने वाली संभावित गिरावट का अंदेशा जताया था। केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया की माने तो आने वाले दिनों में रुपये की हालत में सुधार के संकेत बेहद कम हैं।
कहां तक जा सकता है रुपया?
केडिया ने बताया कि रुपये में अभी और कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, "सितंबर तिमाही की बात की जाए तो रुपया 72 का स्तर छू सकता है।" उनके मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रुपये के 71.50 से 72 की रेंज में रहने की संभावना है।
रुपये मेें गिरावट के प्रमुख कारण?
- डॉलर इंडेक्स लगातार मजबूत हो रहा है जो कि रुपये के लिए नकारात्मक है।
- अमेरिका में ब्याज दरों में और इजाफे के संकेत दिख रहे हैं।
- ग्लोबल टेंशन के कारण काफी सारे लोग अब डॉलर को सेफ हेवन मान रहे हैं, फिर वो चाहे चीन का संकट हो या फिर तुर्की की करेंसी लीरा का संकट।
- सरकार के रेवन्यू में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। जीएसटी का कलेक्शन बीते माह भी बेहतर नहीं रहा है।
- क्रूड फिलहाल स्टेबल है, लेकिन इसमें अभी तक तेजी के संकेत नहीं दिखे हैं। इसमें बीते एक साल से अनिश्चितता जारी है। इसके कारण ही भारत सरकार का ट्रेड डेफिसिट बढ़ रहा है।
- मानसून भी औसत रहा है। यह भी रुपये के लिए नकारात्मक है।