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    रुपये में ऐतिहासिक गिरावट, डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा; क्या है वजह?

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 10:11 AM (IST)

    विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की बढ़ती मांग और विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकालने के कारण रुपया (Rupee Hits All Time Low) 32 पैसे गिरकर 89.85 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गया। शेयर बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली ने रुपये पर और दबाव डाला। जानकारों का मानना है कि RBI के समर्थन के बिना FPI की बिकवाली से रुपये में गिरावट आई है।

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    नए रिकॉर्ड लो पर पहुंचा रुपया

    भाषानई दिल्ली। विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की व्यापक मजबूती और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 32 पैसे टूटकर 89.85 प्रति डॉलर (Dollar vs Rupee) के सर्वकालिक निचले स्तर (Rupee All Time Low) पर पहुंच गया।
    विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कंपनियों, आयातकों और विदेशी निवेशकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग ने रुपये पर दबाव डाला।

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    कितने पर आया डॉलर इंडेक्स

    अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.70 पर खुला। फिर 89.85 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया जो पिछले बंद भाव से 32 पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया सोमवार को दिन के कारोबार में 89.79 प्रति डॉलर तक गिरने के बाद 89.53 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
    इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 99.41 पर रहा।

    शेयर बाजार में गिरावट

    घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 223.84 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,418.06 अंक पर जबकि निफ्टी 59 अंक या 0.23 प्रतिशत की फिसलकर 26,116.75 अंक पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.15 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,171.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

    क्या है जानकारों का अनुमान

    जानकारों का मानना है कि करेंसी में गिरावट की वजह RBI से बिना किसी सपोर्ट के फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) की डेली सेलिंग और NDF एक्सपायरी कवरिंग है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात की संभावना है कि RBI ने करेंसी को 90 के लेवल से नीचे जाने से रोकने के लिए डॉलर बेचे हों।

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