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RuPay और UPI जैसे पेमेंट टूल भारत की उपलब्धि, G20 के जरिए इनके वैश्वीकरण पर हो जोर: आरबीआई गवर्नर

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में UPI और RuPay के आने से ई-भुगतान में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। अब इसके वैश्वीकरण पर हो जोर दिया जाना चाहिए। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Sun, 19 Mar 2023 08:23 AM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 08:23 AM (IST)
RuPay और UPI जैसे पेमेंट टूल भारत की उपलब्धि, G20 के जरिए इनके वैश्वीकरण पर हो जोर: आरबीआई गवर्नर
RuPay and UPI India needs to internationalise payment products

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत को G20 अध्यक्षता को दुनिया के सामने अपनी ई -भुगतान (E-Payment) की कहानी पेश करने और UPI एवं Rupay जैसे उत्पादों के अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।

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दास ने शनिवार को पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (PSO) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के स्वदेशी भुगतान उत्पाद जैसे यूपीआई और रुपे नेटवर्क अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ा रहे हैं और ये सीमा पार भुगतान को आसान बनाएंगे।

4Es पर केंद्रीय बैंक का फोकस

उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि रिजर्व बैंक के पेमेंट विजन 2025 के तहत, हम ई-पेमेंट्स फॉर एवरीवन, एवरीवेयर, एवरीटाइम' (4Es) के मूल विषय के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें अपने भुगतान उत्पादों के अंतरराष्ट्रीयकरण के हर अवसर को भुनाना चाहिए। इस साल G20 की अध्यक्षता भारत के पास है और हमें अपने ई-भुगतान कहानी दुनिया को बतानी चाहिए।

आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से वैश्वीकरण के चलते सीमा पार भुगतान अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

दुनिया में बढ़ रही यूपीआई की धमक

दास ने कहा कि यूपीआई और रुपये जैसे नेटवर्क अपना ग्लोबल फुटप्रिंट बढ़ा रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर के लिंकनाउ से यूपीआई को जोड़ा गया है। इस तरह के लिंक से सीमा पार भुगतान काफी आसान और सस्ता हो जाएगा। वहीं, क्यूआर कोड आधारित मर्चेंट यूपीआई पेमेंट ऐप भी यूएई और भूटान में कार्य कर रहे हैं, जो कि देश की सॉफ्ट पावर को दिखाता है।

यूपीआई ने बदला भारत में पेमेंट करने का तरीका

भारत सरकार की ओर से 2016 में यूपीआई को लॉन्च किया गया था। उस समय के बाद से देश में डिजिटल पेमेंट करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। केवल जनवरी 2023 में यूपीआई के जरिए 803 करोड़ लेनदेन किए गए थे, जिनकी वैल्यू 13 लाख करोड़ रुपये थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 


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