महंगाई दर बढ़ने से सस्ते लोन की संभावना घटी, RBI दरों में नहीं करेगा कटौती
दिसंबर में CPI आधारित खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसद हो गई जो पिछले साढ़े पांच साल का उच्चतम स्तर है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सोमवार को जारी retail inflation के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसद के आंकड़े पर पहुंच गई। जनवरी में इसके 8 फीसद पर पहुंचने का अनुमान है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अगले महीने होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कोई कमी नहीं करेगा। ऐसी जानकारी एक रिपोर्ट के जरिये सामने आई है। दिसंबर में CPI आधारित खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसद हो गई, जो पिछले साढ़े पांच साल का उच्चतम स्तर है। नवंबर में यह 5.54 फीसद के स्तर पर पहुंच गई थी।
SBI की शोध रिपोर्ट- इकोवैप ने कहा, 'आरबीआई ने दिसंबर में दर में कटौती नहीं की, जबकि अक्टूबर 2019 में महंगाई की दर 4.62 फीसद थी। अब जबकि CPI आधारित महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 7.35 फीसद हो गई है और जनवरी में महंगाई 8 फीसद से ऊपर रहने की उम्मीद है, इसे देखते हुए आरबीआई अगली नीति दर की बैठक में कोई बदलाव नहीं करेगा।'
RBI 6 फरवरी को अपनी अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। केन्द्रीय बैंक ने फरवरी से अक्टूबर 2019 तक रेपो दर में पांच बार कटौती की, जिसमें कुल 135 बेसिस पॉइंट्स की कमी की गई, हालांकि, दिसंबर में हुई बैठक में बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक दिसंबर में खाने-पीने की चीजों के दाम में 14.12 फीसद की तेजी दर्ज की गई। खुदरा मुद्रास्फीति इससे पहले जुलाई, 2014 में 7.39 फीसद पर रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इसके कुछ दिन बाद ही 6 फरवरी को आरबीआई ब्याज दरों की घोषणा करेगा।