5 अप्रैल की MPC में RBI रख सकता है रेपो रेट को बरकरार: UBS
फरवरी महीने में 4.4 फीसद की सीपीआई महंगाई मार्च तिमाही के लिए आरबीआई के 5.1 फीसद के अनुमान से कम है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को होने वाली नीतिगत समीक्षा बैठक में रेपो रेट छह फीसद पर बरकरार यथावत रह सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आर्थिक विकास में सुधार और मंहगाई दर में नरमी देखने को मिल रही है। ऐसा वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी यूबीएस का मानना है।
यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की स्टेटमेंट में तटस्थ रहने को लेकर सर्तक रह सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई का मार्च तिमाही के लिए 5.1 फीसद का अनुमान था। फरवरी महीने में खुदरा महंगाई घटकर 4.4 फीसद रही है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी महीने में 4.4 फीसद की सीपीआई महंगाई मार्च तिमाही के लिए आरबीआई के 5.1 फीसद के अनुमान से कम है और ऊपरी स्तर के जोखिमों को देखते हुए केंद्रीय बैंक अपने महंगई पूर्वानुमान को बरकरार रख सकती है।
मॉर्गन स्टेनले का अनुमान, RBI नहीं घटाएगा ब्याज दरें
इससे पहले मॉर्गन स्टेनली ने भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक इस बार की मौद्रिक नीति समिति में ब्याज दरों को यथावत रख सकता है। साथ ही आगामी नीतिगत समीक्षा बैठक में उसकी ओर से अपना रुख तटस्थ रखे जाने की संभावना है।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी का मानना है हालांकि भारत की विकास दर बढ़ रही है, लेकिन रिकवरी फिलहाल शुरुआती चरण में है। ऐसी स्थिति में तटस्थ रुख बरकरार रखने की जरूरत है। मॉगर्न स्टेनली के रिसर्च नोट में कहा गया है कि ग्रोथ और महंगाई के रुख को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों को यथावत और अपना रुख तटस्थ रख सकती है।