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GDP@6.3: ममता से चिदंबरम तक और विशेषज्ञों से इंडस्ट्री तक किसने दी क्या प्रतिक्रिया, जानिए

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भले ही जीडीपी के आंकड़े बेहतर आए हों लेकिन इसे ममता बनर्जी ने पूरी तरह खारिज कर दिया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 12:48 AM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 05:22 PM (IST)
GDP@6.3: ममता से चिदंबरम तक और विशेषज्ञों से इंडस्ट्री तक किसने दी क्या प्रतिक्रिया, जानिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 30 नवंबर 2017 को जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों ने बीती तिमाही के मुकाबले सुधार दर्ज कराया है। 6.3 फीसद की जीडीपी ग्रोथ के साथ बीती पांच तिमाहियों से जारी गिरावट का सिलसिला भी थमा है। माना जा रहा है कि जुलाई से सितंबर अवधि के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आए तेज उछाल ने जीडीपी को बूस्ट दिया है। जीडीपी के इन नंबर्स पर सबने अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। जानिए जीडीपी के इन नंबर्स पर किसने क्या कहा।

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जीडीपी ग्रोथ से भाजपा उत्साहित कांग्रेस ने कहा यह एक अस्थायी विराम

आज जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों पर जहां एक ओर भाजपा ने उत्साह दिखाया है। पार्टी प्रमुख अमित शाह ने तो यहां तक कह दिया कि ये आंकड़े "अनस्टॉपेबल इंडिया" की कहानी को रेखांकित करते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष यानी कांग्रेस ने इसे जीडीपी की गिरावट के रूख में अस्थायी विराम करार दिया है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि जीडीपी में पलटाव (ग्रोथ वापसी) की स्थिति कुछ भी नहीं है बल्कि जिसे आप मोदी सरकार कहते हैं वो इसके जरिए अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है।

क्या बोले वित्त मंत्री: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई सितंबर तिमाही) के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसद पर रही है औप यह संकेत देती है कि बीती पांच तिमाहियों के दौरान जीडीपी में जो गिरावट का रुख था वो अब पलट चुका है। उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था ने संक्रमणकालीन चुनौतियों का सामना किया है, जिसका अनुभव उसने हाल ही में लिया है और ऐसा मालूम होता है कि यह टिकाऊ ग्रोथ के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार ने हाल ही में जो संरचनात्मक सुधार (नोटबंदी और जीएसटी) किए थे उनका प्रभाव अब खत्म हो चुका है।

जीडीपी आंकड़ों पर बोली ममता बनर्जी, केवल बातें-प्रदर्शन नहीं:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के दौरान जो 6.3 फीसद की जीडीपी ग्रोथ हासिल हुई है वो कोई ग्रोथ नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सिर्फ बातें करता है प्रदर्शन नहीं। बनर्जी ने एक ट्वीट में लिखा, “जीडीपी के आंकड़े आ गए हैं। एक बार फिर से कोई ग्रोथ नहीं। कोई नौकरी नहीं। नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचना जारी है। सिर्फ बातें, प्रदर्शन नहीं।”

इंडस्ट्री को भरोसा अक्टूबर से मार्च के दौरान जीडीपी में होगा और सुधार

सितंबर तिमाही के दौरान 6.3 फीसद की जीडीपी ग्रोथ पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अब सुधार के मजबूत पथ पर अग्रसर है और वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में इसके और बेहतर होने की उम्मीद है क्योंकि अब व्यवसाय जीएसटी के अभ्यस्थ हो चुके हैं। सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने बताया कि पिछली तिमाही के खराब प्रदर्शन के बाद, जीडीपी विकास दर में 6.3% की वृद्धि, उल्लेखनीय है और विश्वास को तेजी से बढ़ाने वाली है। फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा कि जीडीपी के नंबर्स (आंकड़े) अपेक्षाओं के अनुरूप है और ये ग्रोथ में सुधार की पुष्टि करते हैं।

भारत के विकास की रफ्तार रुकने वाली नहीं: अमित शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में तेजी का हवाला देते हुए कहा कि ये आंकड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न रुकने वाली ग्रोथ की कहानी को रेखांकित करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में उछाल एक सकारात्मक संकेत है। शाह ने ट्वीट के जरिए कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार की ओर से जो सुधार किए गए हैं तेज ग्रोथ को बढ़ावा देने का काम करते हैं और साथ ही ये एक मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था का निर्माण करने में मददगार हैं जो कि मध्यवर्ग और गरीबों के लिए रोजगार के तमाम अवसर भी पैदा करेगी।

जीडीपी में सुधार का पी चिंदबरम ने किया स्वागत:

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने आज भारत की जीडीपी विकास दर में वृद्धि का स्वागत किया लेकिन साथ ही उन्होंने यह हिदायत भी दे दी कि जीडीपी को लेकर किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचने से पहले तीन से चार अन्य तिमाहियों का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो खुश हैं कि जीडीपी ने सितंबर तिमाही में 6.3 फीसद की ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि क्या यह वृद्धि दर विकास के ट्रेंड को दर्शाएगी या नहीं। ऐसे में हमें अभी थोड़ा इंतजार करना चाहिए।


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