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तेल की कीमतों में उछाल जारी रहता है तो फिस्कल डेफिसिट होगा प्रभावितः RBI

भारत दुनिया में तेल का आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में भारत जैसे दुनिया के उभरते हुए बाजारों के लिए क्रूड ऑयल के दाम में बढ़ोत्तरी किसी भी लिहाज से अच्छी खबर नहीं हो सकती।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 01:11 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 01:11 PM (IST)
तेल की कीमतों में उछाल जारी रहता है तो फिस्कल डेफिसिट होगा प्रभावितः RBI
तेल की कीमतों में उछाल जारी रहता है तो फिस्कल डेफिसिट होगा प्रभावितः RBI

मुंबई, रॉयटर्स। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि सऊदी अरामको कंपनी पर हमले के बाद अगर तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी रहती है तो भारत का करेंट अकाउंट और फिस्कल डेफिसिट प्रभावित हो सकता है। हालांकि, दास ने किसी भी तरह की अंतिम राय बनाने से पहले कुछ और दिन इंतजार करने को कहा है। उन्होंने ऑयल की आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोत की तलाश को अहम बताया है।

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उल्लेखनीय है कि अरामको के दो फैसिलिटी सेंटरों में शनिवार की सुबह आग लग गई थी। सऊदी अरब के गृह मंत्री ने ड्रोन हमले के कारण अरामको के फैसिलिटी सेंटर्स पर आग लगने की पुष्टि की थी। इस हमले की जिम्मेदारी हूती विद्रोही संगठन ने ली है।

इस हमले के बाद अरामको ने अपने उत्पादन में कमी की है। इस ड्रोन हमले के बाद वैश्विक स्तर पर तेल आपूर्ति को लेकर संकट खड़ा हो गया है। इस हमले के बाद तेल की वैश्विक आपूर्ति में प्रतिदिन 57 लाख बैरल की कमी आई है। यह मात्रा वैश्विक आपूर्ति की करीब छह फीसद है।

इस ताजा घटनाक्रम के बारे में दास ने कहा, ''किसी भी तरह की अंतिम राय बनाने से पहले हम कुछ दिन रूक कर देखना होगा कि परिस्थितियां क्या रुख लेती हैं...करेंट अकाउंट पर इसका क्या प्रभाव होगा, वह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कितना लंबा चलता है। यह अगर लंबा खींचता है तो संभवतः इसका असर फिस्कल डेफिसिट पर देखने को मिलेगा।''

अमेरिकी अधिकारियों ने दुनिया के सबसे बड़े क्रूड ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। इस हमले की वजह से सोमवार को तेल की कीमतों में एक समय 19 फीसद तक का इजाफा दर्ज किया गया था। हालांकि, ईरान ने अमेरिका के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वह लड़ाई के लिए तैयार है।

भारत दुनिया में तेल का आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में भारत जैसे दुनिया के उभरते हुए बाजारों के लिए क्रूड ऑयल के दाम में बढ़ोत्तरी किसी भी लिहाज से अच्छी खबर नहीं हो सकती।

वृद्धि पर बना रहेगा जोर

दास ने कहा कि महंगाई दर मध्यम अवधि के लक्ष्य के अंदर ही है। ऐसे में वृद्धि पर जोर बना रहेगा। एशिया की तीसरी सबसे बजडी अर्थव्यवस्था की जीडीपी वृद्धि दर जून तिमाही में घटकर पांच फीसद रह गयी। आर्थिक वृद्धि की यह रफ्तार 2013 के बाद से सबसे सुस्त है।

दास ने इस पर कहा, ''ये आंकड़े निश्चित तौर पर काफी बुरे हैं। पांच फीसद का आंकड़ा सरप्राइज करने वाला है। हम इसकी वास्तविक वजह तलाश रहे हैं।''


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