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RBI MPC Meeting: कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग का एलान, दूसरी तिमाही में ऊंची रह सकती है महंगाई दर

रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी महंगाई दर के ऊंचे स्तर पर रहने की उम्मीद है। (PC Reuters)

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 02:33 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:14 PM (IST)
RBI MPC Meeting: कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग का एलान, दूसरी तिमाही में ऊंची रह सकती है महंगाई दर
RBI MPC Meeting: कॉरपोरेट लोन रिस्ट्रक्चरिंग का एलान, दूसरी तिमाही में ऊंची रह सकती है महंगाई दर

मुंबई, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकर्स और उद्योग की मांग पर कॉरपोरेट कंपनियों के लिए ऋण पुनर्गठन की सुविधा की गुरुवार को घोषणा की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को बताया कि सात जून, 2020 को जारी प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क के आधार पर पुनर्गठन की अनुमति दी जाएगी। केंद्रीय बैंक ने कर्जदाताओं को दबाव वाली परिसंपत्तियों का पुनर्गठन करने की सुविधा दे दी। हालांकि, कर्जदाताओं को ऐसी परिसंपत्तियों को नॉन-परफॉर्मिंग घोषित किए बगैर उनका पुनर्गठन होगा और साथ ही इस तरह के कर्ज के लिए 10 फीसद का अतिरिक्त प्रावधान करना होगा।  

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केंद्रीय बैंक ने पर्सनल लोन और छोटे कारोबारियों द्वारा लिए लिए लोन के लिए भी इसी तरह के ऋण पुनर्गठन की सुविधा का एलान किया है। कॉरपोरेट लोन के संदर्भ में स्टैंडर्ड अकाउंट वाले लेनदार लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए आवेदन कर सकेंगे। 

केंद्रीय बैंक के मुताबिक ऋण समाधान से जुड़ी इस योजना को 31 दिसंबर, 2020 से पहले कभी भी खत्म किया जा सकता है। इसी बीच केंद्रीय बैंक ने केवी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की है, जो जरूरी दिशा-निर्देशों को लेकर केंद्रीय बैंक को अपनी सिफारिश सौंपेगा। 

दूसरी तिमाही में भी अधिक महंगाई दर रहने का अनुमान

रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी महंगाई दर के ऊंचे स्तर पर रहने की उम्मीद है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें कमी देखने को मिल सकता है। MPC द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी हुई दिक्कत अब भी बनी हुई है, इससे सभी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ गया है।

दास ने कृषि क्षेत्र को लेकर उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि खरीफ फसल की वजह से ग्रामीण मांग के और मजबूत होने की उम्मीद है। 

कोविड-19 के लंबा खींचने से इकोनॉमी के लिए जोखिम बढ़ा

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 के लंबे समय तक खींचने की वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था के और कमजोर होने का जोखिम पैदा हो गया है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में संकुचन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि महामारी पर अगर जल्द काबू पा लिया जाता है तो आर्थिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक परिदृश्य उत्पन्न होगा।


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