RBI ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.25 फीसद किया, महंगाई अनुमान भी बढ़ा
आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद का इजाफा किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सस्ते कर्ज की उम्मीद में आम आदमी को एक बार फिर से झटका लगा है। आरबीआई ने तीन दिन तक चली बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसद के इजाफे का फैसला किया है। अब रेपो रेट 6 फीसद से बढ़कर 6.25 फीसद हो गई है। एमपीसी के सभी छह सदस्य, दरों में इजाफा करने के पक्ष में थे। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान आरबीआई ने 7.4 फीसद पर बरकरार रखा है।
क्या हुआ बदलाव: आरबीआई ने रेपो रेट को 6 फीसद से बढ़ाकर 6.25 फीसद और रिवर्स रेपो को 5.75 फीसद से बढ़ाकर 6 फीसद कर दिया है। वहीं FY19 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.4 फीसद पर बरकरार रखा गया है। अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान जीडीपी के 7.5 से 7.7 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। इस एमपीसी के मिनट 20 जून को जारी कर दिए जाएंगे। वहीं अक्टूबर-मार्च के दौरान जीडीपी के 7.3 से 7.4 के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है।
एमपीसी ने बढ़ाया महंगाई अनुमान: एमपीसी ने महंगाई अनुमान में भी इजाफा किया है। महंगाई अनुमान को 4.8 से बढ़ाकर 4.9 कर दिया गया है। पहली छमाही के लिए महंगाई अनुमान को 4.8 से बढ़ाकर 4.9 कर दिया गया है जबकि दूसरी छमाही के लिए महंगाई अनुमान को बढ़ाकर 4.7 फीसद कर दिया गया है। वहीं एमपीसी सदस्यों ने कहा है कि खाद्य महंगाई नियंत्रण में है।
उर्जित पटेल ने क्या कहा?
उर्जित पटेल ने कहा कि हमने लंबे समय बाद दरों में इजाफा किया है। ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में खपत अच्छी रही है और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की क्षमता में भी इजाफा हुआ है। उर्जित पटेल ने यह भी कहा कि मई महीने में रिटेल महंगाई के बढ़ने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्रूड में तेजी से रिटेल महंगाई में अनिश्चितता है। पटेल ने कहा कि महंगाई को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं उन्होंने निवेश में बढ़ोतरी जारी रहने की भी उम्मीद जताई है।
जीडीपी ग्रोथ अनुमान रखा बरकरार: आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अपना पूर्वानुमान 7.4 फीसद पर बरकरार रखा है। भारतीय अर्थव्यवस्था बीते वित्त वर्ष से 6.7 फीसद की दर से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही के संदर्भ में आरबीआई ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में तेज वृद्धि से डिस्पोजेबल आय प्रभावित हो सकती है। आरबीआई ने कहा है कि निवेश गतिविधि अच्छी हो रही है और दिवालियापन और दिवालियापन संहिता के तहत अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी वाले क्षेत्रों में समाधान पाया जा सकता है। मूडीज ने बीते पिछले हफ्ते इंडिया की जीडीपी ग्रोथ (विकास दर) अनुमान को 7.5 फीसद से घटाकर 7.3 फीसद कर दिया था, जिसकी वजह उसने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को बताया था।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को 6 फीसद और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसद पर बरकरार रखा था। इसके पहले भी 5-6 दिसंबर (2017) को हुई एमपीसी बैठक में बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए नीतिगत ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था।