Move to Jagran APP

रिजर्व बैंक ने बैंकों से नकदी की ढुलाई पर नियमों को किया सख्त

सेवा प्रदाता और उनके सब-कॉन्ट्रेक्टर के पास पड़ी नकदी भी बैंक की ही संपत्ति है

By Surbhi JainEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 10:48 AM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 07:44 AM (IST)
रिजर्व बैंक ने बैंकों से नकदी की ढुलाई पर नियमों को किया सख्त

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिजर्व बैंक ने नकदी की ढुलाई के लिए बाहरी सेवा प्रदाताओं पर बैंकों की बढ़ती निर्भरता के बीच इसके नियम सख्त किए हैं। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के मुताबिक, सेवा प्रदाता की नेटवर्थ कम से कम 100 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा उसके पास विशेष रूप से तैयार कम से कम 300 वाहनों का बेड़ा होना चाहिए।

loksabha election banner

रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, "सेवा प्रदाता और उनके सब-कॉन्ट्रेक्टर के पास पड़ी नकदी भी बैंक की ही संपत्ति है। उससे जुड़े किसी भी तरह के खतरे की जिम्मेदारी बैंक की होगी। किसी भी सेवा प्रदाता के साथ डील करते हुए बैंक के पास बोर्ड की ओर से व्यापक मंजूरी होनी चाहिए।"

बैंकों को 90 दिन के भीतर निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। सर्कुलर के अनुसार, नकदी ले जाने वाले वाहन में जीपीएस होना जरूरी है। रात में इनकी आवाजाही से बचना चाहिए। बार-बार एक ही समय पर एक ही रास्ते से किसी वाहन को नहीं भेजा जाना चाहिए। वाहन में ट्यूबलेस टायर, मोबाइल और हूटर भी अनिवार्य किया गया है।

बिटकॉइन से दूर रहेंगे वित्तीय संस्थान-

रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को बिटाकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में लेनदेन करने वाली इकाइयों से दूर रहने का निर्देश दिया है। रिजर्व बैंक ने सभी वित्तीय संस्थानों को तत्काल ऐसी इकाइयों से खुद को अलग करने को कहा है।

केंद्रीय बैंक ने वर्चुअल करेंसी के लेनदारों और कारोबारियों को भी इसके खतरों के प्रति चेताया है। रिजर्व बैंक ने भुगतान से जुड़ी सेवाएं देने वाली सभी कंपनियों को ग्राहकों का हर तहर का ब्योरा भारत के अंदर ही सुरक्षित करने का निर्देश भी दिया है। अपने नोटिफिकेशन में रिजर्व बैंक ने कहा कि इससे ग्राहकों के डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

सरकारी बैंक प्रमुखों की नियुक्ति में सरकार की भूमिका नहीं-

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लेकर सीमित अधिकार होने के रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के बयान पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सरकार का कहना है कि रिजर्व बैंक की शक्तियां कानून प्रदत्त हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नियुक्ति पर सरकार का अलग से कोई दखल नहीं है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा, "सरकार नियुक्तियां बैंक्स बोर्ड ब्यूरो के मार्फत करती है। सभी नियुक्तियां रिजर्व बैंक की मंजूरी से होती हैं। व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। सरकार का इसमें सीधा कोई दखल नहीं होता है।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.