RBI ने रिवर्स रेपो रेट में की 0.25 फीसद की कटौती, लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए देगा 50,000 करोड़ रुपये
RBI गवर्नर ने कहा कि वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और IMF के मुताबिक यह 1.9 फीसद रहेगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना से अर्थव्यवस्था पर उपजे गंभीर आर्थिक संकट से निपटने के लिए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कई बड़े एलान किए। केन्द्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को 4 फीसद से घटाकर 3.75 फीसद कर दिया और रेपो रेट को बरकरार रखा। गवर्नर ने कहा कि वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और IMF के मुताबिक यह 1.9 फीसद रहेगी। नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक के लिए आरबीआई ने राहत की घोषणा की। नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक को 50000 करोड़ की मदद का एलान किया गया। नाबार्ड को स्पेशल रिफाइनेंस के तहत 25,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
TLTRO के जरिए सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपये: आरबीआई TLTRO के जरिए सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपये डालेगा। गवर्नर ने कहा कि ATM 91 फीसद क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में मोबाइल और नेटबैंकिंग में कोई परेशानी नहीं है। सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए आरबीआई ने नए कदमों का एलान किया। बैंक क्रेडिट फ्लो में छूट के लिए नए प्रस्तावों पर विचार किया गया। बता दें कि 27 मार्च के बाद लिक्विडिटी में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। स्टिल अकाउंट्स पर बैंकों को 10 फीसदी की प्रोविजनिंग मेनटेन करना होगा।
RBI Governor’s address to the media https://t.co/uhsojdIeSF" rel="nofollow— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 17, 2020
भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 1.9 फीसद रहने की उम्मीद: दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भारी मंदी में जा सकती है। उन्होंने कहा कि 27 मार्च के बाद मैक्रोइकोनॉमिक गतिविधियों में कमी आई। गवर्नर ने भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 1.9 फीसद रहने की उम्मीद जताई। गौरतलब है कि मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई। मार्च 2020 में निर्यात की स्थिति भी काफी ज्यादा खराब रही है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है। इसलिए, सामान्य मानसून के अनुमान से ग्रामीण क्षेत्रों से बेहतर मांग की उम्मीद है। इसके अलावा बैंक और कोऑपरेटिव बैंक किसी डिविडेंड का भुगतान नहीं करेंगे। अगर किसी ऐसी वजह से रियल्टी प्रॉजेक्ट में देरी होती है जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो NBFCs लोन को 1 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।
छोटे और मझोले उद्योगों को धनराशि: छोटे और मझोले उद्योगों को धनराशि देने का फैसला किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने फंड का 50% TLTRO-2 के तहत छोटे और मझोले साइज NBFC में निवेश करना होगा। इसके अलावा राज्यों की WMA लिमिट 60 फीसद बढ़ा दी गई है। बढ़ी हुई लिमिट 30 सितंबर तक के लिए होगी।
90 दिनों के NPA पीरियड से मोराटोरियम पीरियड बाहर: RBI गवर्नर के मुताबिक, फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब का है जो पर्याप्त है। केन्द्रीय बैंक की ओर से शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना संकट को रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है। कोरोना से बने हालात पर आरबीआई की पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि लिक्विडीटी मैनेजमेंट और फाइनेंशियल सुपरविजन की तैयारी है। आरबीआई ने कहा कि जी-20 इकोनॉमी में भारत की जीडीपी ग्रोथ सबसे बेहतर रहने की उम्मीद है। बड़ी घोषणाओं में 90 दिनों के NPA पीरियड से मोराटोरियम पीरियड बाहर रहेगा। कर्ज लेने वालों को NBFCs रिलैक्स्ड NPA के तहत रख सकती हैं।
क्या होता है रिवर्स रेपो?
यह रेपो रेट के बिल्कुल विपरीत होता है। रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता हैऔर जब नकदी की कमी होती है तो इसमें कमी करता है ताकि लिक्विडिटी में कमी न हो।