RBI के डायरेक्टर एस गुरुमूर्ति ने कहा, सितंबर-अक्टूबर में आ सकता है केंद्र का अंतिम राहत पैकेज
केंद्र सरकार कोविड-19 संकट के बाद सितंबर या अक्टूबर में अंतिम राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार कोविड-19 संकट के बाद सितंबर या अक्टूबर में अंतिम राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डायरेक्टर एस गुरुमूर्ति ने मंगलवार को भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक वेबिनार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को एक अंतरिम कदम माना जा सकता है।
गुरुमुर्ति ने कहा कि यूरोपीय देश और अमेरिका घाटे को भरने के लिए मुद्रा की छपाई कर रहे हैं, जबकि भारत के पास ऐसा करने की बहुत कम गुंजाइश है। भारत ने ऐसे पैकेज की घोषणा की है जिसमें अर्थव्यवस्था से आए पैसे का ही इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अभी तक घाटे के मौद्रीकरण (नोट छापने) के विकल्प पर कोई विचार नहीं किया है।
घाटे के मौद्रीकरण के तहत केंद्रीय बैंक सरकार की खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी बांड खरीदता है और बदले में अपनी निधि से या नए नोट छापकर सरकार को पैसा देता है। उन्होंने कहा, 'भारत कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है। सरकार ने पहली अप्रैल से 15 मई तक जन-धन बैंक खातों में 16,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है। आश्चर्य की बात है कि उन खातों से बहुत कम धन निकाला गया है। इससे पता चलता है कि संकट का स्तर उतना नहीं है, जितना सोचा गया।' उन्होंने कहा कि कोविड संकट के बाद दुनिया 'बहुपक्षीय से द्विपक्षीय संबंधों' का रुख करेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार बहुत तेजी से होगा।
रेपो रेट घटा सकता है RBI
नई दिल्ली, आइएएनएस। एसबीआइ इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में 100 आधार अंकों यानी एक फीसद तक की कटौती कर सकता है। यह कदम सरकार के कर्ज की लागत कम करने के लिए उठाया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने 22 मई को रेपो रेट में कटौती करते हुए इसे 4.40 से 4.0 फीसद कर दिया था। इसी आधार पर रिवर्स रेपो रेट को 3.75 से 3.35 फीसद किया गया था।