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RBI के फैसलों का उद्योग जगत ने किया स्वागत, बताया सही समय पर उठाया गया कदम

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ ( FIEO) ने भी आरबीआई गवर्नर के फैसलों का स्वागत किया है। FIEO ने कहा कि इन फैसलों से देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार करने में मदद मिलेगी जिसपर इस समय महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते काफी दबाव है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:47 AM (IST)
Industry के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर P C : Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बुधवार को की गई घोषणाओं का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। उद्योग जगत के अनुसार, जिस तरह से महामारी से अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं, उसे देखते हुए छोटे कारोबारों को सहारा देने और कोविड से जुड़े हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को ऋण में प्राथमिकता देने जैसे आरबीआई के फैसले सही समय पर लिए गए फैसले हैं।

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उद्योग संगठन सीआईआई (CII) ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 31 मार्च, 2022 तक 50,000 करोड़ रुपए के वित्त पोषण की मंजूरी देना काफी अच्छा फैसला है। सीआईआई ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा और उससे जुड़े क्षेत्र भारी मांग, आपूर्ति संबंधी बाधाओं और फंड की कमी के चलते दबाव में हैं।

संगठन के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में वित्तीय क्षेत्र को आगे रखा है। कोटक ने कहा कि आरबीआई के इन फैसलों में जीवन और आजीविका दोनों की सुरक्षा को प्राथमिकता मिली है।

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ ( FIEO) ने भी आरबीआई गवर्नर के फैसलों का स्वागत किया है।  FIEO ने कहा कि इन फैसलों से देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार करने में मदद मिलेगी, जिसपर इस समय महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते काफी दबाव है।

ऐपेरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (AEPC) के चैयरमैन ए सक्थीवेल ने भी रिज़र्व बैंक के फैसलों को कोविड से जुड़े बेहद आवश्यक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढा़वा देने के लिए सही समय पर उठाए गए कदम बताया।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त व्यक्तियों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से वसूल नहीं हो पा रहे कर्जों के पुनर्गठन की छूट देने की घोषणा की है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने घोषणा की है कि रेपो रेट पर 50,000 करोड़ रुपये के ऑन-टैप लिक्विडिटी का विंडो 31 मार्च, 2020 तक खुला रहेगा। इस योजना के अंतर्गत बैंक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, मेडिकल सुविधाओं, अस्पतालों और मरीजों को लिक्विडिटी उपलब्ध करा सकते हैं।


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