रेपो रेट में हुई चौथाई फीसदी की कटौती, जानिए मॉनिटरी पॉलिसी से जुड़ी 8 बड़ी बातें
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। अब रेपो रेट घटकर 6.25 फीसदी हो गई है
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद अब रेपो रेट घटकर 6.25 फीसदी हो गई है। वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो को भी घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है। उर्जित पटेल ने अपनी पहली समीक्षा में महंगाई से ज्यादा ग्रोथ पर ध्यान दिया है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने पहली बार ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए मौद्रिक नीति समिति की मदद ली थी जिसे हाल ही में सरकार ने अधिसूचित किया था।
रेपो रेट में कटौती:
रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, जिसके बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.26 फीसदी पर आ गई है। बैंकों की ओर से अगर आरबीआई की इस कटौती को आगे ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है तो आने वाले दिनों में आपके घर और वाहन की ईएमआई में कटौती होती दिख सकती है। रिवर्स रेपो वह दर होती है जिसपर बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास रखते हैं।
रिवर्स रेपो रेट भी घटी:
आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा में रिवर्स रेपो को भी घटाकर 6 फीसदी से 5.75 फीसदी कर दिया है। ऐसा होने से अब बैंकों को उन पैसे पर कम ब्याज मिलेगा जिसे बैंकों ने आरबीआई को दे रखा है। आरबीआई ने ऐसा बाजार में नकदी की तरलता बढ़ाने के उद्देश्य से किया है।
यह हुआ सीआरआर पर फैसला:
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो यानी सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है। यह 4 फीसदी पर कायम है।
एमएसएफ पर फैसला:
आरबीआई के इस फैसले के मुताबिक मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलटी (एमएसएफ) रेट तथा बैंक रेट 6.75 प्रतिशत होंगे।
कैसे हुआ कटौती पर फैसला:
6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति ने बहुमत से रेपो रेट कम करने का समर्थन किया। द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में मार्च 2017 तक खुदरा मुद्रास्फीति दर 5 फीसद रहने की उम्मीद जताई गई है। हाल में गठित रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति(एमपीसी) ने आज अपनी पहली मौद्रिक नीति की समीक्षा की। यह वित्तीय वर्ष 2016-17 की चौथी द्विमासिक समीक्षा है।
महंगाई के 5 फीसदी से ऊपर रहने का अनुमान
आरबीआई ने जनवरी से मार्च की तिमाही में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने की आशंका जताई है। मालूम हो कि खुदरा महंगाई अगस्त में पांच महीने के निम्न स्तर 5.05 प्रतिशत पर आ गयी वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दो साल के उच्च स्तर 3.74 प्रतिशत रही।
एमपीसी ने ब्याज दरें तय करने में की आरबीआई की मदद:
आरबीआई ने पहली बार ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए मौद्रिक नीति समिति की मदद ली थी जिसे हाल ही में सरकार ने अधिसूचित किया था।
शेयर मार्केट में उछाल:
आरबीआई की इस मॉनिटरी पॉलिसी का असर बाजार पर भी पड़ा। मंगलवार को बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 91.26 अंक की तेजी के बाद 28,334.55 के स्तर पर और निफ्टी 33.25 अंकों की तेजी के साथ 8,771.35 के स्तर पर बंद हुए हैं।