आरबीआई दे सकता है सस्ते लोन की सौगात, जानिए 10 बड़ी बातें
हाल ही में जारी किए गए कुछ आंकड़े उद्योग चैंबर और बैंक ऑफ मेरिल लिंच ने संभावना जताई है कि RBI रेपो रेट में कटौती कर सकता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज अपना फैसला सुनाएगी। माना जा रहा है कि आरबीआई 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। आरबीआई की ओर से आज दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर एमपीसी का फैसला सुनाया जाएगा। पिछले छह व सात जून को हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट 6.25 फीसद पर पूर्ववत रखने का फैसला किया गया था। इसमें कहा गया था कि महंगाई बढ़ने की आशंका के चलते ब्याज दर नहीं बढ़ाई गई है।
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने आखिरी महीने कहा था कि एमपीसी की अगली बैठक 1 और 2 अगस्त 2017 को होगी जो कि वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा होगी। इस बैठक में जो भी फैसला होगा वो 2 अगस्त 2017 को वेबसाइट के माध्यम से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर प्रकाशित किया जाएगा।
जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें...
• मुद्रास्फीति की हालिया गिरावट ने आरबीआई को आश्चर्यचकित कर दिया है साथ ही इसने रेट कट की संभावना को तेज कर दिया है।
• सामान्य मानसून, क्रूड की गिरती कीमतें और मजबूत होते रुपए ने संकेत दिए हैं कि प्रमुख मुद्रास्फीति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
• कम उपभोक्ता व्यय और कम खाद्य कीमतों ने मुद्रास्फीति दर को आरबीआई के मध्य अवधि के 4 फीसद लक्ष्य (पिछले आठ महीनों के लिए) से नीचे रखा है। वहीं उपभोक्ता मुद्रास्फीति पांच सालों के निचले स्तर के साथ जून में 1.5 फीसद रही है।
• वहीं समान अवधि के दौरान इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का डेटा बताता है कि फैक्ट्री आउटपुट की ग्रोथ मई महीने में 1.7 फीसद पर रही है।
• निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई महीने के दौरान 47.9 के स्तर पर रहा जो कि जून महीने के दौरान 50.9 के स्तर पर रहा था। यह फरवरी 2009 के बाद अब तक का सबसे निचला स्तर है और इसने साल 2017 की व्यावसायिक परिस्थितियों में अब तक की गिरावट पर प्रकाश डाला है।
• स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में सेविंग बैंक डिपॉजिट रेट में कटौती की है। एसबीआई के बाद ही आईसीआईसीआई बैंक ने भी इस तरह का कदम उठाया है। बैंक आमतौर पर जमा दरों में तभी कटौती करते हैं, जब केंद्रीय बैंक पॉलिसी रेट को कम कर देता है।
• बैंक ऑफ अमेरिकी मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एमपीसी अगली बैठक में रेपो रेट चौथाई फीसद तक घटा सकती है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में भी इससे मिलती-जुलती बात कही गई है।
• उद्योग चैंबरों का मानना है कि रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में कटौती करने का यह सही मौका है। सीआइआइ का कहना है कि घटती महंगाई के चलते आरबीआइ को ब्याज दर में कटौती का सिलसिला फिर से शुरू करना चाहिए।
• मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक से ठीक पहले जारी हुए कोर इंडस्ट्री के आधिकारिक डेटा ने उत्पादन में एक और सुस्ती के संकेत दिए हैं जो कि फैक्ट्री आउटपुट पर भी असर डाल सकते हैं। इस साल के जून महीने में आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक 0.4 फीसद की ग्रोथ के साथ बढ़ा। जबकि मई महीने के दौरान इसमें 4.1 फीसद की ग्रोथ दिखाई दी थी।