बाहर किए जाने से पहले रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री से खुद इस्तीफा देने को कहा था
टाटा ग्रुप के वरिष्ठतम सदस्य एवं अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने खुद मिस्त्री से टाटा संस का चेयरमैन पद छोड़ने को कहा था।
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के वरिष्ठतम सदस्य एवं अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने खुद मिस्त्री से टाटा संस का चेयरमैन पद छोड़ने को कहा था। रतन टाटा ने दलील देते हुए मिस्त्री से कहा था कि निदेशक मंडल उनमें भरोसा खो चुका है, लेकिन इस्तीफे के लिए तैयार न होने पर उन्हें बहुमत से हटाया गया। गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री को बीते 24 अक्टूबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था।
टाटा संस से बाहर किए जाने के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री की पारिवारिक फर्म की याचिका का पैरा-दर पैरा जवाब देते हुए नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाली 103 बिलियन डॉलर की ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को बताया कि साइरस मिस्त्री को बीते साल 24 अक्टूबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया क्योंकि उनके नेतृत्व में मामूली या किसी भी तरह का सुधार नहीं दिखा।
नौ में से सात निदेशकों ने मिस्त्री को हटाने के पक्ष में मतदान किया। फरीदा खंबाटा मतदान में शामिल नहीं हुईं, जबकि मिस्त्री को मत के लिए पात्र नहीं माना गया क्योंकि यह उनसे जुड़ा मामला था। टाटा संस ने कहा है कि यह फैसला अचानक या हड़बड़ी में नहीं किया गया। मिस्त्री को कई घटनाक्रमों की श्रृंखला के बाद हटाया गया क्योंकि उनके प्रति भरोसा घटता जा रहा था।
टाटा संस ने दिया जवाब:
टाटा संस ने 204 पृष्ठ के हलफनामे में कहा, “24 अक्टूबर को बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले रतन एन टाटा और निदेशक नितिन नोहरिया ने व्यक्तिगत रूप से मिस्त्री से बात की और उन्हें स्वैच्छिक तरीके से कार्यकारी चेयरमैन का पद छोड़ने को कहा। मिस्त्री ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।”