रतन टाटा कॉरपोरेट इंडिया के तेंदुलकर
मुंबई। क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर की विदाई की खुमारी न सिर्फ आम लोगों और उद्योग जगत पर छाई हुई है बल्कि राजनेता भी इससे खुद को दूर नहीं रख पा रहे हैं। तभी तो वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को कॉरपोरेट इंडिया का तेंदुलकर करार दिया। टाटा समूह के मानद चेयरमैन को पहले सीआइआइ प्रेसीडेंट अवाड
मुंबई। क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर की विदाई की खुमारी न सिर्फ आम लोगों और उद्योग जगत पर छाई हुई है बल्कि राजनेता भी इससे खुद को दूर नहीं रख पा रहे हैं। तभी तो वित्ता मंत्री पी चिदंबरम ने देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को कॉरपोरेट इंडिया का तेंदुलकर करार दिया। टाटा समूह के मानद चेयरमैन को पहले सीआइआइ प्रेसीडेंट अवार्ड से नवाजते हुए उन्होंने यह बात कही। उद्योग जगत और सामाजिक कार्यो में उनके बेहतर योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया गया है।
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शुक्रवार को एक तरफ वानखेड़े स्टेडियम में सचिन अपने अंतिम टेस्ट मैच में चौके-छक्के जड़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर इससे कुछ ही दूरी पर सीआइआइ के कार्यक्रम में रतन टाटा के सम्मान में चिदंबरम कसीदे काढ़ रहे थे। उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'सचिन की तरह ही रतन टाटा का अलग आकर्षण है। इससे लोग खुद को बचा नहीं पाते। उन्होंने न सिर्फ देश-विदेश में लाखों रोजगार के मौके पैदा किए बल्कि कॉरपोरेट मैनेजमेंट और नियंत्रण के बीच जो लकीर खींची है उसकी मैं सराहना करता हूं। देश के दूसर उद्योग घरानों को भी उनका अनुकरण करना चाहिए।' इस सम्मान के लिए उनके नाम का चयन करने के लिए ज्यूरी को धन्यवाद देते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह अवार्ड सिर्फ उन्हें ही दिया जा सकता था।
इस सम्मान से खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए टाटा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे राजीव गांधी ने देश के आर्थिक बदलाव में सीआइआइ की भूमिका बढ़ाने को प्रोत्साहित किया था। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने भरोसा दिलाया कि देश की अर्थव्यवस्था मौजूदा सुस्ती से जल्दी उबरकर सुधार की राह पर दौड़ने लगेगी।
वित्ता मंत्री ने भी बैंकरों के एक अन्य सम्मेलन में सुधार का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के सुधरने के संकेत मिलने लगे हैं। इसे देखते हुए चालू वित्ता वर्ष 2013-14 में विकास दर 5-5.5 फीसद रहने की उम्मीद है। अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 4.4 फीसद पर सिमटने को देखते हुए तमाम देसी-विदेशी वित्ताीय एजेंसियों ने पूरे वित्ता वर्ष में इसके पांच फीसद से नीचे रहने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों से सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं। इससे राजकोषीय और चालू खाते के घाटे को लक्ष्य के अंदर रखने में भी मदद मिलेगी।