रतन टाटा बने बाओ फोरम के मेंबर
प्रमुख भारतीय उद्योगपति रतन टाटा को बाओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) के बोर्ड में सदस्य बनाया गया है। चीन सरकार समर्थित इस संस्था में सदस्य बनना बड़े सम्मान से कम नहीं है। गुआंगझाऊ में भारतीय महावाणिज्य दूत के नागराज नायडू ने कहा कि पहली बार किसी भारतीय उद्योगपति को इसका सदस्य बनाया गया है। यह ग्लोबल कारोबारी समूह के रूप में
बीजिंग। प्रमुख भारतीय उद्योगपति रतन टाटा को बाओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) के बोर्ड में सदस्य बनाया गया है। चीन सरकार समर्थित इस संस्था में सदस्य बनना बड़े सम्मान से कम नहीं है। गुआंगझाऊ में भारतीय महावाणिज्य दूत के नागराज नायडू ने कहा कि पहली बार किसी भारतीय उद्योगपति को इसका सदस्य बनाया गया है। यह ग्लोबल कारोबारी समूह के रूप में टाटा की पहचान को मान्यता भी है।
बृहस्पतिवार को 76 वर्षीय टाटा ने बीएफए की उद्घाटन बैठक में हिस्सा लिया। इस दिन उन्होंने चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग से भी मुलाकात की। रतन को फोरम के बोर्ड में नामित करने को चीन की ओर से भारत के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूती देने का एक कदम माना जा रहा है। बीते दिन यहां टाटा ने कहा था कि भारतीय कारोबारी चीन के विशाल बाजार में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने से चूक गए। मगर खुद टाटा समूह भारत का चीन में सबसे सफल कारोबारी घराना है।
समूह के स्वामित्व वाली ऑटो कंपनी जगुआर लैंड रोवर की एसयूवी रेंज रोवर चीन में जबरदस्त हिट रही है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस ने भी चीन के स्थानीय आइटी बाजार में प्रवेश करने के बाद से शानदार प्रदर्शन किया है।
क्या है बाओ फोरम
इस फोरम की स्थापना वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ), स्विट्जरलैंड की तर्ज पर वर्ष 2001 में हुई थी। हर साल बाओ में राजनीति और कारोबार की दुनिया के दिग्गज जुटते हैं। वे दक्षिण चीन के इस तटीय शहर में वैश्रि्वक राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चिंतन व बहस करते हैं।
कौन हैं मौजूदा सदस्य
इस फोरम के बोर्ड में कुल 15 सदस्य होते हैं। मौजूदा बोर्ड में टाटा के अलावा पूर्व जापानी प्रधानमंत्री यासुओ फुकुदा, पूर्व मलेशिया प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी, सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग, फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जीन पियरे राफारिन और पूर्व अमेरिकी वित्त मंत्री हेनरी पॉलसन शामिल हैं। भारत की भागीदारी इस फोरम में भारत ने वर्ष 2010 से अपना मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजना शुरू किया। इस साल गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई योजना आयोग के सदस्य अरुण मायरा कर रहे हैं। इसमें कई उद्योगपति शामिल हैं। उद्योग चैंबर फिक्की इस फोरम का सामान्य सदस्य है।
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