प्याज में महंगाई अस्थाई, आपूर्ति बढ़ाने पर जोर : पासवान
पासवान के मुताबिक प्याज का पर्याप्त बफर स्टॉक है लेकिन आपूर्ति बाधित होने से कीमतों में तेजी आई है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता के बीच कहा कि प्याज का पर्याप्त बफर स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने राज्यों से कहा है कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से प्याज उठा सकते हैं।
देश के कुछ हिस्सों में प्याज की कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है। इस बारे में केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि प्याज उत्पादक ज्यादातर राज्यों में बाढ़ से तबाही मची हुई है। इसके चलते प्याज की आपूर्ति में बाधा पैदा हो गई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ के चलते वहां से प्याज की आपूर्ति देश के बाकी हिस्सों में नहीं हो पा रही है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से जारी दैनिक खुदरा मूल्य के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्याज का अधिकतम मूल्य 56 रुपये प्रति किलोग्राम है, वहीं औसत मूल्य 44 रुपये प्रति किलोग्राम है। महानगरों में प्याज के मूल्य बढ़े हुए हैं। दक्षिण भारत के चेन्नई महानगर में प्याज का मूल्य 34 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि मुंबई में 43 रुपये किलो बिक रही है। राजधानी दिल्ली में 44 रुपये और कोलकाता में 45 रुपये किलोग्राम बोली जा रही है। देश के कुछ हिस्सों में प्याज 50 से 60 रुपये किलो तक बिकने लगी है।
उन्होंने कहा कि प्याज की घरेलू मांग के मुकाबले उत्पादन अधिक होने की वजह से सरकारी एजेंसी नैफेड ने प्याज की खरीद कर बफर स्टॉक बना लिया है। पासवान ने कहा कि आपूर्ति बाधित होने से हालात थोड़े विषम हो गये हैं। पासवान ने कहा कि सरकारी संस्था नैफेड और एनसीसीएफ के साथ मदर डेयरी अपने खुदरा बिक्री केंद्रों से प्याज की बिक्री रियायती 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से कर रहे हैं। प्याज की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने अपनी एजेंसी एमएमटीसी से 2000 टन प्याज का निर्यात करने को कहा है, जिसका वैश्विक टेंडर जारी हो चुका है। प्याज की महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय किये हैं, जिनमें प्याज के न्यूनतम निर्यात में भारी वृद्धि, जमाखोरों और ब्लैक मार्केटिंग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।