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तिमाही नतीजे, तेल व रुपये की चाल से बाजार को मिलेगी दिशा

शेयर बाजार के कारोबारियों की नजर इस हफ्ते कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे पर बनी रहेगी।

By Pramod Kumar Edited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 09:10 AM (IST)
तिमाही नतीजे, तेल व रुपये की चाल से बाजार को मिलेगी दिशा
तिमाही नतीजे, तेल व रुपये की चाल से बाजार को मिलेगी दिशा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शेयर बाजार के कारोबारियों की नजर इस हफ्ते कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे पर बनी रहेगी। कंपनियां चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के कारोबारी नतीजे घोषित कर रही हैं। इस सप्ताह भारती एयरटेल और विप्रो जैसी ब्लूचिप कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं। शेयर बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशक शेयरों की भावी चाल का संकेत लेने के लिए रुपये की दिशा और कच्चे तेल की कीमतों पर भी निगाह बनाए रहेंगे।

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इस सप्ताह तिमाही नतीजे घोषित करने वाली प्रमुख कंपनियों में एचसीएल टेक, बजाज ऑटो, कोटक महिंद्रा बैंक तथा भेल भी शामिल हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में नकदी संकट, ग्लोबल स्तर पर कम जोखिम वाली संपत्तियों की तरफ निवेशकों का झुकाव और आगामी आम चुनाव से जुड़ी चिंताओं के कारण जारी उतार-चढ़ाव का दबाव शेयर बाजार पर बना रहेगा।

नायर ने कहा कि इसके साथ ही यह भी संभव है कि इन जोखिमों का अधिकांश असर पहले ही बाजार पर हो चुका हो और आगे यह प्रभाव ग्लोबल बांड यील्ड की स्थिरता और ट्रेड वार जैसे घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। पिछले सप्ताह बीएसई के सेंसेक्स में 418 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और शुक्रवार को यह 34,315.63 पर बंद हुआ।

तरलता को लेकर देखी जा रही चिंता के बीच इस सप्ताह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह बनी रहेगी। तरलता संकट से निवेशकों का उत्साह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस सप्ताह डेरिवेटिव सौदों की परिपक्वता की वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।

पांच कंपनियों का पूंजीकरण 31,000 करोड़ रुपये बढ़ा

शेयर बाजार में सूचीबद्ध देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) पिछले सप्ताह कुल 31,381.39 करोड़ रुपये बढ़ गया। आइटीसी का पूंजीकरण सबसे अधिक 16,856.05 करोड़ रुपये बढ़ा। इस बढ़त के बाद सप्ताह के आखिर में कंपनी का पूंजीकरण 3,53,141.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, एचयूएल का पूंजीकरण 2,283.7 करोड़ रुपये बढ़कर 3,41,841.36 करोड़ रुपये का हो गया। इन्फोसिस ने पूंजीकरण में 1,550.77 करोड़ रुपये जोड़े, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक का एम-कैप 5,749.62 करोड़ रुपये बढ़कर 2,28,754.68 करोड़ रुपये हो गया। पिछले सप्ताह आरआइएल के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा गिरावट आई। बेहतर तिमाही नतीजों के बावजूद सप्ताह के आखिर में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 15,687.72 करोड़ रुपये घटकर 6,98,278.03 करोड़ पर आ गया।

एफपीआइ ने तीन सप्ताह में चार अरब डॉलर निकाले

ट्रेड वार, महंगे कच्चे तेल और अमेरिकी ट्रेजरी की यील्ड में बढ़ोतरी जैसे कारणों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने इस महीने के पहले तीन सप्ताह में देश के पूंजी बाजार से लगभग 31,977 करोड़ रुपये (4.3 अरब डॉलर) निकाल लिए। सितंबर में भी विदेशी निवेशकों ने 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी। हालांकि जुलाई और अगस्त में विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार में कुल 7,400 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। आंकड़ों के मुताबिक एफपीआइ ने अक्टूबर में 19 तारीख तक 19,810 करोड़ रुपये के शेयर और 12,167 करोड़ रुपये के बांड की शुद्ध बिकवाली की। 


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