पंजाब-गुजरात में कपास की फसल पर कीटों का आतंक
कीटों के आतंक की वजह से पंजाब और गुजरात में कपास उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
नई दिल्ली। इस साल शुरूआत से ही कॉटन की फसल ने किसानों और मिलर्स की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पिछले साल बीमारी की चपेट में आई कॉटन की फसल पर इस बार भी खतरा बरकरार है। .पंजाब के बाद अब गुजरात में भी करीब 10 फीसदी फसल पर कीट लग गया है। ऐऐसे में प्रमुख एजेंसियों और सरकार ने कॉटन के उत्पादन का अनुमान रिवाइज कर घटा दिया है।
पंजाब में पिछले साल करीब 40 फीसदी कॉटन की फसल सफेद मक्खी के कारण बर्बाद हो गई थी। इससे वहां 50 फीसदी से अधिक उत्पादन घट गया था। इसके बाद इस साल पंजाब के किसानों ने कॉटन की फसल से दूरी बनाए रखी और बुआई में लगभग 40 फीसदी कमी कर डाली।
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लेकिन, इस बार भी शुरूआत से ही सफेद मक्खी ने कॉटन पर सफेद मक्खियों का हमला शुरू हो गया। इसी तरह दूसरे सबसे बड़े कॉटन उत्पादक गुजरात में भी तकरीबन 1 लाख हेक्टेयर पर गुलाबी कीट का प्रभाव शुरू हो गया है। गुजरात में इस साल करीब 23 लाख हेक्टेयर पर कॉटन फसल बोई गई है। कृषि विभाग के आंकड़ों के फसल को बीमारी लगने का क्षेत्रफल बड़ा भी हो सकता है।
पिछले साल देश में करीब 120 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे पर कॉटन फसल बोई गई थी। लेकिन, इस बार यह आंकड़ा 100 लाख हेक्टेयर ही पहुंच पाया है। जहां तक उत्पादन की बात है तो साल 2015-16 में पहले करीब 62 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान था।
लेकिन, अब यूनाईडेट स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर यानी यूएसडीए ने आंकड़ों को घटाकर 60 लाख टन के आसपास ही कर दिया है। जहां तक वर्ष 2016-17 के उत्पादन की बात है इसमें इस साल से करीब 10 लाख टन से भी ज्यादा की कमी आने की आशंका जताई जा रही है।
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