रघुराम राजन ने कहा सरकारी बैंकों में उच्च पदों पर मिलता है कम वेतन, मेरी सैलरी भी कम
सरकारी बैंकों के सैलरी सिस्टम पर रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि बैंकों में निचले पदों पर वेतन ज्यादा है जबकि उच्च पदों पर सैलरी कम मिलती है।
नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के सैलरी सिस्टम पर रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि बैंकों में निचले पदों पर वेतन ज्यादा है जबकि उच्च पदों पर सैलरी कम मिलती है। मजाक के लहजे में उन्होंने यह भी कहा कि मेरी सैलरी भी कम है। मंगलवार को मुंबई के एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि कम सैलरी बैंकों में उच्च पदों पर टैलेंट ढूंढने में एक बड़ी दिक्कत है।
सरकारी बैंकों पर बातचीत के दौरान राजन ने कहा कि सभी सार्वजनिक उपक्रमों में यह दिक्कत है कि निचले स्तर पर सैलरी ज्यादा है जबकि टॉप लेवल पर अधिकारियों की सैलरी कम है। हालांकि आप यह अनुभव करते हैं कि आप बड़ी जनता के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन कम सैलरी पर उच्च पदों पर बेहतर टैलेंट को लाना दिक्कत की बात है, खासतौर पर यह समस्या बाद में ज्वाइन करने वाले अधिकारियों के साथ है।
बैंकिंग कॉन्फ्रेंस में गवर्नर राजन ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मुझे भी महसूस होता है कि मेरी सैलरी कम है। आरबीआई द्वारा सार्वजनिक किए गए मासिक वेतन के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2015 माह में राजन का कुल मासिक वेतन 1,98,700 रुपये रहा है। राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्मा हो रहा है और वे वापस अकेडमिया में लौट जाएंगे। राजन फिलहाल शिकागो यूनीवर्सिटी से छुट्टी पर हैं।
राजन ने कहा कि निजी और सरकारी बैंकों के वेतन में बड़ा अंतर है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को कुल 31.1 लाख रुपए वार्षिक वेतन मिलता है। जबकि इसकी तुलना में निजी बैंक एचडीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी का कुल वेतन 30 गुना ज्यादा 9.7 करोड़ रुपए है।
राजन ने निजी क्षेत्र की तर्ज पर पब्लिक सेक्टर में भी इंसेटिव और रिवॉर्ड का मॉडल होना चाहिए। जिससे कि अच्छे टैलेंट को प्रोत्साहित किया जा सके। अभी पब्लिक सेक्टर बैंकों में ऐसा नहीं है। ऐसे में खराब प्रदर्शन और अच्छा काम करने वालों में कोई अंतर नहीं रह जाता है।
राजन ने सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों की ओर से रिवार्ड्स देने का भी सुझाव दिया, जो कि प्राइवेट सेक्टनर में कॉमन है। राजन ने कहा कि निचले स्तरर पर बेहतर पेस्के ल भी अवसरों का स्रोत हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्लास 3 के लिए आरबीआई का कंपेनसेशन पैकेज काफी आकर्षक है जिसकी वजह से ज्यादा क्वालीफाइड लोगों को लाने करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हमें क्लास 3 नौकरियों में भी काफी इंजीनियर, MBA मिलते हैं।