Move to Jagran APP

सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में घटकर 8,64,433 करोड़ रुपये हुआ, आई 31,000 करोड़ से ज्यादा गिरावट

वित्त मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान बैंकों का नॉन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) या बैड लोन 8,95,601 करोड़ रुपये रहा था

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 12:59 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 01:13 PM (IST)
सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में घटकर 8,64,433 करोड़ रुपये हुआ, आई 31,000 करोड़ से ज्यादा गिरावट
सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में घटकर 8,64,433 करोड़ रुपये हुआ, आई 31,000 करोड़ से ज्यादा गिरावट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकारी बैंकों के एनपीए में अप्रैल-दिसंबर तिमाही के दौरान गिरावट देखने को मिली है। इस अवधि के दौरान यह 31,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कम होकर 8,64,433 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 9 महीनों का है। यह जानकारी खुद केंद्र सरकार ने दी है।

loksabha election banner

वित्त मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान बैंकों का नॉन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) या बैड लोन 8,95,601 करोड़ रुपये रहा था। उन्होंने कहा, "जून 2018 तक बैड लोन गिरकर 8,75,619 करोड़ रुपये और दिसंबर 2018 में 8,64,433 करोड़ रुपये हो गया।"

शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल दिसंबर तिमाही के दौरान बैड लोन 31,168 करोड़ रुपये कम हो गया, जबकि मार्च 2018 तक यह एनपीए 8,95,601 करोड़ रुपये रहा था।

शुक्ला ने कहा कि पहचान, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधारों की 4R रणनीति के परिणामस्वरूप एनपीए में गिरावट आई। आरबीआई के इनपुट्स के मुताबिक, स्ट्रेस्ड एसेट्स में तेजी के प्रमुख कारणों में हड़बड़ी में लोन देने की प्रथा, विलफुल डिफॉल्ट या लोन फ्रॉड या कुछ मामलों में भ्रष्टाचार और आर्थिक सुस्ती प्रमुख है। उन्होंने आगे कहा कि एसेट क्वालिटी रिव्यू की शुरुआत वर्ष 2015 में साफ सुथरी और पूरी तरह से प्रावधानित बैंक बैलेंस-शीट के लिए की गई थी जिसके जरिए एनपीए की बड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.