भारत वैगन को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी
सरकार ने भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को बंद करने का फैसला किया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को बंद करने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय के अधीन आने वाले इस उपक्रम को सरकार 151.18 करोड़ रुपये का पैकेज देगी ताकि कंपनी की देनदारियों को चुकाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग के 626 कर्मचारियों को 2007 के वेतनमान पर स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति दी जाएगी। सरकार का कहना है कि बीडब्ल्यूईएल को बंद करने से सरकारी खजाने से होने वाला व्यय रुकेगा। घाटे में चल रही इस कंपनी को चलाने के लिए सरकार को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ रही थी। यह कंपनी वैगन निर्माण के अलावा इनकी मरम्मत करती है। इसकी दो विनिर्माण इकाइयां बिहार में मोकामा और मुजफ्फरपुर में हैं।
सरकार का कहना है कि बीते दस साल से कंपनी के खराब वित्तीय और भौतिक प्रदर्शन के मद्देनजर इसे बंद करने का फैसला किया गया है। रेल मंत्रालय इसे वित्तीय मदद मुहैया करा रहा था। हालांकि इसके घाटे से उबरने की संभावनाएं बेहद कम होने की वजह से इसे बंद किया जा रहा है। इस कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी की जाएगी। इस संबंध में भारी उद्योग विभाग के दिशानिर्देशों को पालन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दो निजी कंपनियों मुजफ्फरपुर स्थित आर्थर बटलर और मोकामा स्थित ब्रिटानिया इंजीनियरिंग कंपनी के अधिग्रहण के बाद चार दिसंबर 1978 को सरकार ने बीडब्ल्यूईएल की स्थापना केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के रूप में की थी। इस कंपनी को 2000 में बीआइएफआर यानी बोर्ड ऑफ इंडस्टियल एंड फाइनेंशियल रिकंस्ट्रक्शन के पास भेजा गया और इसे 2002 में बीमार घोषित किया गया। तब से यह कंपनी बीमार यानी घाटे में ही चल रही है।
फूड प्रोसेसिंग स्कीम के नये नाम को मंजूरी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग स्कीम संपदा का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस स्कीम का नाम प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) होगा। इस योजना का उद्देश्य 2020 तक 20 लाख किसानों को मदद पहुंचाना और 5.30 लाख रोजगार पैदा करना है। स्कीम में फूड प्रोसेसिंग को प्रोत्साहन और कृषि उपज की बर्बादी रोककर किसानों को मदद पहुंचाई जाएगी।