आम आदमी को दो मोर्चों पर राहत, तो एक जगह से आई आफत
रुपये की मजबूती और पेट्रोल-डीजल का सस्ता होना आम आदमी के लिए राहतभरी खबर है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के आम आदमी को जहां दो मोर्चों पर कई दिनों से राहत मिल रही है तो एक मोर्चे पर उसके लिए बीते दिन बुरी खबर आई है। दरअसल जहां एक ओर पेट्रोल लगातार सस्ता हो रहा है और रुपये में भी मजबूती दिख रही है तो दूसरी तरफ आरबीआई की ओर से बीते दिन की गई रेट हाईक ने आम आदमी को निराश किया है। हम अपनी इस खबर में आपको इसकी विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
पेट्रोल-डीजल के मोर्चे पर कई दिनों से राहत: पेट्रोल और डीजल के मोर्चे पर देश के आम आदमी को बीते कई दिनों से राहत मिल रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बीते 9 दिन से कम हो रही हैं। बीते 8 दिनों को मिलाकर बात करें तो 29 मई 2018 से लेकर 7 जून 2018 तक दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के दाम 80 पैसे तक कम हो चुके हैं। आज राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के दाम 77.63 रुपये है। वहीं डीजल बीते 8 दिनों में 58 पैसे प्रति लीटर तक सस्ता हो चुका है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें 30 मई 2018 से ही परिवर्तित हो रही हैं।
रुपया हो रहा है लगातार मजबूत: 68 के स्तर के नीचे आने के बाद रुपया बीते दिन 67 के स्तर के भी नीचे आ गया। गुरुवार के कारोबार में भी रुपया डॉलर के मुकाबले 66.93 प्रति डॉलर पर खुला। बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 66.92 पर बंद हुआ। आरबीआई की ओर से रेट हाईक (25 बेसिस प्वाइंट) के बावजूद रुपया बीते दिन 23 पैसे मजबूत हुआ है। हालांकि सवा नौ के बाद रुपये ने एक बार फिर से 67 का स्तर पार कर लिया। डॉलर के मुकाबले रुपये में आने वाली मजबूती सीधे तौर पर आम आदमी के लिए फायदेमंद होती है।
रेपो रेट हाइक, महंगा होगा लोन लेना: बीते दिन आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद का इजाफा कर दिया। अब रेपो रेट 6.25 फीसद और रिवर्स रेपो रेट 5.75 से बढ़कर 6 फीसद हो गई है। रेपो रेट के बढ़ने का सीधा मतलब बैंकों की ओर से मिलने वाले लोन का महंगा होना होता है। आरबीआई के इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेना महंगा हो जाएगा। यानी अब आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बैंकों को अपने दैनिक कामकाज के लिए प्राय: बड़ी रकम की जरूरत होती है। इसके लिए बैंक जो विकल्प अपनाते हैं, उनमें सबसे सामान्य है केंद्रीय बैंक (भारत में रिजर्व बैंक) से रात भर के लिए (ओवरनाइट) कर्ज लेना। इस कर्ज पर रिजर्व बैंक को उन्हें जिस दर या रेट पर ब्याज देना होता है उसे ही रेपो रेट कहते हैं। ऐसे में अगर आरबीआई की ओर से बैंकों को मिलने वाला लोन जब महंगा होगा तो जाहिर तौर पर ऐसे बैंकों से आम आदमी को मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाएगा।