Move to Jagran APP

नए टैक्स कोड में मध्यम वर्ग को राहत देने की तैयारी, लगभग आधी रह जाएंगी आयकर कानून की धाराएं

सूत्रों का कहना है कि डायरेक्ट टैक्स कोड में मौजूदा आयकर कानून के मुकाबले लगभग आधी धाराएं होंगी। यह सरल होगा। इसमें व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करदाताओं को राहत दी जा सकती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:28 AM (IST)
नए टैक्स कोड में मध्यम वर्ग को राहत देने की तैयारी, लगभग आधी रह जाएंगी आयकर कानून की धाराएं

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा आयकर कानून की जगह बनने वाला नया डायरेक्ट टैक्स कोड मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दे सकता है। साथ ही यह घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की समान दर रखते हुए कारपोरेट टैक्स का बोझ भी हल्का कर सकता है। नए डायरेक्ट टैक्स कोड का मसौदा तैयार करने के लिए गठित टास्क फोर्स ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में डायरेक्ट टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की सिफारिश करते हुए एक विधेयक का मसौदा दिया गया है। टास्क फोर्स के संयोजक अखिलेश रंजन ने यह रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंपी।

loksabha election banner

सूत्रों का कहना है कि डायरेक्ट टैक्स कोड में मौजूदा आयकर कानून के मुकाबले लगभग आधी धाराएं होंगी। यह सरल होगा। इसमें व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करदाताओं को राहत दी जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि टास्क फोर्स की सिफारिश के आधार पर डायरेक्ट टैक्स कोड में सरकार डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को खत्म कर सकती है।

मौजूदा आयकर कानून 1961 में बना था। तब से लेकर अब तक इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2017 में शीर्ष टैक्स अधिकरियों के ‘राजस्व ज्ञान संगम’ में मौजूदा आयकर कानून की समीक्षा कर इसका मसौदा दोबारा तैयार करने की जरूरत पर बल दिया था। उससे पहले यूपीए ने 2010 में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक भी संसद में पेश किया लेकिन 15वीं लोक सभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया। यूपीए सरकार ने प्रत्यक्ष कर संहिता में व्यक्तिगत आयकर के संबंध में सालाना दो लाख रुपये तक की आय को करमुक्त रखने, 2 से 5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसद, 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद आयकर लगाने का प्रस्ताव किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.