Move to Jagran APP

जीएसटी के लागू होने क बाद ई-वे बिल की चेकिंग में मनमानी नहीं

देश में एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद ई-वे बिल की व्यवस्था में अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 10:10 AM (IST)
जीएसटी के लागू होने क बाद ई-वे बिल की चेकिंग में मनमानी नहीं
जीएसटी के लागू होने क बाद ई-वे बिल की चेकिंग में मनमानी नहीं

नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद एक शहर से दूसरे शहर माल ले जाने के लिए प्रस्तावित ई-वे बिल की व्यवस्था जब प्रभाव में आएगी तो इसमें अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी। वैसे तो जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल की प्रस्तावित व्यवस्था को फिलहाल कुछ समय के लिए लागू न करने का फैसला किया है लेकिन इसे ऐसा बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे अधिकारी इस प्रावधान का दुरुपयोग न कर सकें। साथ ही इससे व्यापारियों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।

loksabha election banner

दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद 50,000 रुपये से अधिक के माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल की जरूरत होगी। माल ढुलाई करने वाला ट्रांसपोर्टर या सामान बेचने और खरीदने वाले व्यक्ति को जीएसटी के पोर्टल से इलेक्ट्रॉनिक-वे बिल जेनरेट करना होगा। हालांकि इस प्रस्तावित व्यवस्था को लेकर उद्योग जगत ने आशंका जतायी है। यही वजह है कि फिलहाल इसे एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के साथ ही लागू नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में राज्यों की जो मौजूदा व्यवस्था है, वही लागू रहेगी। ऐसे में सरकार उद्योग जगत की चिंता दूर करने के लिए ई-वे बिल के नियमों में ऐसा प्रावधान करने जा रही है जिससे टैक्स अधिकारी मनमानी नहीं कर पाएंगे। साथ ही जो व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें ई-वे बिल जेनरेट करने की जरूरत नहीं होगी।

ई-वे बिल के नियमों के तहत अगर कोई अधिकारी किसी माल का फिजीकल वेरिफिकेशन करता है तो उसे 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। वेरीफिकेशन का काम आयुक्त स्तर के अधिकारी ही करेंगे। यह काम आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) जैसी तकनीक के माध्यम से भी किया जा सकेगा। इसी तरह 10 किलोमीटर की दूरी तक माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल तो जरूरी होगा लेकिन किस साधन से उसे ले जाया जा रहा है, यह ब्यौरा देने की जरूरत नहीं होगी। 100 किलोमीटर तक माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल की वैधता अवधि एक दिन होगी जबकि 1000 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए माल की ढुलाई के लिए 20 दिन की वैधता अवधि होगी। जो व्यापारी वस्तुओं की आपूर्ति कर रहा है, वह ई-वे बिल का इस्तेमाल जीएसटी का रिटर्न फार्म जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए भी कर सकता है।

यह भी पढ़ें: GST के बाद कितनी बदलेगी हमारी जिंदगी, जानिए क्या होगा महंगा क्या सस्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.