PNB ने सस्ता किया लोन, कर्ज पर ब्याज दर 6.50 फीसद हुई
PNB ने बुधवार को कर्ज पर लगने वाले ब्याज को 0.05 फीसद घटाकर 6.50 फीसद कर दिया। पीएनबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि रेपो से जुड़ी ब्याज दर (आरएलएलआर) को आठ नवंबर से 6.55 फीसद से घटाकर 6.50 फीसद कर दिया गया है
नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने बुधवार को कर्ज पर लगने वाले ब्याज को 0.05 फीसद घटाकर 6.50 फीसद कर दिया। पीएनबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि रेपो से जुड़ी ब्याज दर (आरएलएलआर) को आठ नवंबर से 6.55 फीसद से घटाकर 6.50 फीसद कर दिया गया है। आरएलएलआर में कमी के साथ आवास, कार, शिक्षा, व्यक्तिगत कर्ज सहित सभी कर्ज सस्ते हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बैंक ने पिछली बार 17 सितंबर को अपने रेपो आधारित ब्याज को 6.80 फीसद से घटाकर 6.55 फीसद कर दिया था।
राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 17,000 करोड़ रुपये जारी
जीएसटी क्षतिपूर्ति के मद में बुधवार को दीपावली के मौके पर केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 17,000 करोड़ रुपये जारी किए। चालू वित्त वर्ष (2021-22) में जीएसटी क्षतिपूर्ति के मद में अब तक 60,000 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। बुधवार को उत्तर प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 1,417 करोड़ रुपये जारी किए गए। वहीं, बिहार को 342 करोड़ रुपये, दिल्ली को 1,155 करोड़, उत्तराखंड को 270 करोड़, पंजाब को 834 करोड़, हरियाणा को 518 करोड़ और हिमाचल प्रदेश को 177 करोड़ रुपये जारी किए गए।
जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी क्षतिपूर्ति को जारी करने में कमी के बदले 1.59 लाख करोड़ रुपये का बैंक कर्ज पहले ही जारी किया जा चुका है। सरकार को चालू वित्त वर्ष में लक्जरी और इस तरह के अन्य जरूरी वस्तुओं पर सेस के रूप में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक संग्रह की उम्मीद है।
केंद्र के अनुमानों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के रूप में 2.59 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है।जानकारों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में जिस तेजी से रिकवरी है, उसे देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स संग्रह सरकार के अनुमानों से अधिक रहेगा। जीएसटी का संग्रह इस वर्ष अक्टूबर में 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जो इस टैक्स के इतिहास का दूसरा सर्वाधिक मासिक संग्रह है।