पुरानी पेंशन स्कीम की तरफ लौटना मुश्किल: पीएफआरडीए
पीएफआरडीए का कहना है कि सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) पेंशन प्रणाली में वापस लौटना मुश्किल है
नई दिल्ली: सरकार का कहना है कि उस सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) पेंशन प्रणाली में वापस लौटना मुश्किल है, जिसे बड़े वित्तीय बोझ के कारण बंद करना पड़ा था। यह बात पेंशन निधि नियामक पीएफआरडीए ने कही है।
दरअसल पीएफआरडीए की ओर से यह टिप्पणी सरकारी कर्मचारी संघों की उस पृष्ठभूमि के खिलाफ आया था जो पुराने पेंशन प्रणाली की बहाली की मांग कर रहे थे। आपको बता दें कि सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) को साल 2004 में अंशदान-आधारित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से बदला दिया गया था।
नई पेंशन प्रणाली से नाखुश कर्मचारी संगठनों ने की थी श्रम मंत्री से मुलाकात
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बीते हफ्ते कहा था कि वो जल्द ही पुरानी सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) योजना को वापस लाने को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बातचीत करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि कई कर्मचारी संगठन नई पेंशन प्रणाली से काफी नाखुश हैं।
इसके लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री से मुलाकात भी की और पुरानी जीपीएफ योजना को बहाल करने की मांग की। दत्तात्रोय ने कहा कि श्रम मंत्रालय को देश में हर तबके से ऐसी मांगे मिल रही हैं। उन्होंने ने आगे कहा कि वह इस मुद्दे को जल्दी ही वित्त मंत्री अरूण जेटली के सामने उठाएंगे।
दत्तात्रोय ने बताया, “केंद्र सरकार के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुराने जीपीएफ योजना को वापस लाने के लिए मुझे ज्ञापन दिया है। वे चाहते हैं कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन लाभ, बीमा और अन्य लाभ जैसी सामाजिक सुरक्षा मिले।”