डेढ़ माह में चौथी बार महंगा हुआ पेट्रोल
एक तो रुपया पहले से निढाल था और उस पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमत। ऐसे में सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 1.55 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। वैट वगैरह मिलाकर ग्राहकों पर यह बोझ और ज्यादा पड़ेगा।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एक तो रुपया पहले से निढाल था और उस पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमत। ऐसे में सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 1.55 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। वैट वगैरह मिलाकर ग्राहकों पर यह बोझ और ज्यादा पड़ेगा। टैक्स जोड़कर दिल्ली में पेट्रोल 1.86 रुपये महंगा हो गया है। यह वृद्धि रविवार की आधी रात से लागू होगी। पिछले डेढ़ महीने में तेल कंपनियों की तरफ से की गई यह चौथी वृद्धि है। इस दौरान पेट्रोल की खुदरा कीमत लगभग पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी है।
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तेल कंपनियों की तरफ बताया गया है कि पिछले पखवाड़े के दौरान रुपये डॉलर के मुकाबले 58.94 के स्तर से गिर कर 60.03 के स्तर पर आ गया। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमत 115.29 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 117.19 डॉलर हो चुका है। यही वजह है कि उन्हें पेट्रोल को महंगा करना पड़ा है। दिल्ली में पेट्रोल की नई कीमत 68.58 रुपये से बढ़कर 70.44 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
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देश के अलग-अलग हिस्सों में वैट व अन्य स्थानीय करों की दर भिन्न होने से खुदरा कीमत भी अलग- अलग होगी।
जानिए, कब-कब महंगा हुआ पेट्रोल
बहरहाल, मौजूदा स्थिति से तेल कंपनियों पर पेट्रोलियम सब्सिडी का बोझ चालू वित्त वर्ष के दौरान भी कम नहीं होगा। अगर क्रूड कीमत मौजूदा स्तर पर ही रहे, तब भी तेल कंपनियों और सरकार को 1,26,000 करोड़ रुपये का बोझ उठाना पड़ेगा। डीजल पर अभी तेल कंपनियों को 9.45 रुपये और केरोसिन पर 30.53 रुपये प्रति लीटर का भार पड़ रहा है। रसोई गैस पर यह बोझ 368.50 रुपये प्रति सिलेंडर का है।