ढाई साल में 21 बार बढ़े पेट्रोल के दाम
आम आदमी की जेब पर पेट्रोल की कीमत का बोझ फिर से बढ़ गया है। सरकारी तेल कंपनियों ने एक बार फिर शुक्रवार रात से पेट्रोल महंगा कर दिया है। पिछले एक पखवाड़े में दूसरी बार इसके दाम बढ़े हैं। इस बार इसमें 1.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
नई दिल्ली। आम आदमी की जेब पर पेट्रोल की कीमत का बोझ फिर से बढ़ गया है। सरकारी तेल कंपनियों ने एक बार फिर शुक्रवार रात से पेट्रोल महंगा कर दिया है। पिछले एक पखवाड़े में दूसरी बार इसके दाम बढ़े हैं। इस बार इसमें 1.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। 16 फरवरी को भी पेट्रोल की खुदरा कीमत में 1.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी।
जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए जाने के बाद पेट्रोल के दाम 21वीं बार बढ़ाए गए हैं। पेट्रोल के दामों में 27 संशोधन किए गए हैं। 20 बार दाम बढ़ाए गए हैं, जबकि आठ बार घटाए गए हैं। हाल की में जनवरी में पेट्रोल के दाम 30 पैसे घटाए गए थे। इसके बाद से दाम बढ़ाए जाने का सिलसिला जारी है।
शायद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इनकी सोच है कि जरा से विरोध के बाद जनता इसे स्वीकार कर लेगी।
जून 2010 में जब पेट्रोल नियंत्रण मुक्त हुआ था, तब लोगों को यह तो पता था कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, लेकिन क्या पता था कि इतने बढ़ जाएंगे कि आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़कर 128.57 लीटर प्रति बैरल से बढ़कर इसके दाम 131 लीटर प्रति बैरल हो गए हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट ने भी कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर किया है। दो हफ्ते पहले रुपये 53.43 प्रति डॉलर था, लेकिन अब बढ़कर 54.15 तक पहुंच गया है।