एनडीए सरकार के कार्यकाल में उच्च स्तर पर पहुंची पेट्रोल-डीजल की कीमतें
पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार से उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल, डीजल के दामों में उछाल जारी है। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल 72.38 रुपये प्रति लीटर पर बिका। मई, 2014 में राजग सरकार के आने के बाद से यह पेट्रोल का सर्वोच्च स्तर है। डीजल भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहा है। दिल्ली में इसका मूल्य 63.20 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार से उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है।
पिछले सवा महीने में पेट्रोल की कीमतों में 3.31 रुपये और डीजल की कीमतों में 4.86 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। अलग-अलग राज्यों में वैट की दरों के कारण कीमतों में भी अंतर है। मुंबई में पेट्रोल ने 80 रुपये का स्तर पार कर लिया है। डीजल भी 67.30 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।
पिछले साल जून में कंपनियों ने कीमतों की अर्धमासिक समीक्षा की 15 साल पुरानी परिपाटी को छोड़कर डायनामिक डेली प्राइस की नीति अपना ली थी। पहले की नीति में कीमतों की समीक्षा हर महीने की पहली और 16 तारीख को होती थी। अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव किया जाता है।
कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से 2018-19 के आम बजट में उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है। संसद में बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। पेट्रोलियम सचिव केडी त्रिपाठी ने सोमवार को कहा था कि मंत्रालय ने उद्योग से मिले सुझाव के आधार पर सिफारिशें भेजी हैं। हालांकि, उन्होंने कोई ब्योरा देने से मना कर दिया।
एक्साइज ड्यूटी का गणित
तीन साल पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट आई थी। तब इसका लाभ लेने के लिए सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के बीच नौ बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। उन 15 महीनों में पेट्रोल पर प्रति लीटर 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई थी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बाद भी सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने का कदम नहीं उठाया गया है। भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में केवल एक बार अक्टूबर, 2017 में एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर दो रुपये की कटौती की थी।