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आइडीबीआइ सौदे के खिलाफ याचिका रद

ऑल इंडिया आइडीबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इंडस्टियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (आइडीबीआइ) में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) द्वारा 51 फीसद हिस्सेदारी खरीदने संबंधी फैसले का विरोध किया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:30 PM (IST)
आइडीबीआइ सौदे के खिलाफ याचिका रद
आइडीबीआइ सौदे के खिलाफ याचिका रद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आइडीबीआइ में एलआइसी द्वारा 51 फीसद हिस्सेदारी खरीदने संबंधी सौदे को चुनौती देने वाली एक याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। यह याचिका ऑल इंडिया आइडीबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से दाखिल की गई थी। मुख्य न्यायधीश राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इससे पहले एकल सदस्यीय पीठ ने भी सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज की थी।

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ऑल इंडिया आइडीबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इंडस्टियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (आइडीबीआइ) में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) द्वारा 51 फीसद हिस्सेदारी खरीदने संबंधी फैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन ने अपील में कहा है कि आइडीबीआइ के शेयरधारिता पैटर्न में बदलाव से सार्वजनिक बैंक का उसका स्टेटस छिन जाएगा। इसके साथ ही एलआइसी द्वारा आइडीबीआइ में बहुसंख्य हिस्सेदारी खरीदने से बीमा कानून का भी उल्लंघन होगा। हालांकि इस बिंदु पर खंडपीठ ने कहा कि अगर बीमा कानून की किसी धारा का उल्लंघन हो रहा है, तो याचिकाकर्ता को भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के पास जाना चाहिए और अदालत इसकी जांच नहीं कर सकती।

इस बीच, अपना पक्ष रखते हुए एलआइसी ने कहा कि जितनी रकम का निवेश वह आइडीबीआइ में कर रही है, वह उसके कुल फंड का एक फीसद से भी कम है। कंपनी ने अदालत को यह भी भरोसा दिलाया कि उसके शेयरधारकों के हित पूरी तरह सुरक्षित हैं। एकल पीठ के समक्ष भी एलआइसी ने कहा था कि उसने आइडीबीआइ में 51 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि वर्ष 2000 से ही वह बैंकिंग परिचालन शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही थी। वहीं, एसोसिएशन का कहना था कि सरकारी बैंक का तमगा छिनने से सेवा शर्तो और कर्मचारियों के हितों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

तीन बैंकों के विलय को मंजूरी: वित्त मंत्रलय द्वारा गठित अल्टरनेटिव मैकेनिज्म ने बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। बीओबी ने नियामकों को दी जानकारी में शुक्रवार को कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 20 दिसंबर को उसे बताया कि अल्टरनेटिव मैकेनिज्म ने तीनों के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।


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