नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदे तैयार करने को पैनल ने वित्त मंत्री से मांगा और वक्त
तीन महीने का समय दिए जाने के बावजूद टास्क फोर्स की रिपोर्ट के 2019-20 के अंतिम बजट से पहले पेश होने की उम्मीद है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए गठित टास्क फोर्स ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो से तीन महीने का और वक्त मांगा है। यह नया मौजूदा आयकर अधिनियम की जगह लेगा। जानकारी के लिए आपको बता दें कि टास्क फोर्स को 28 फरवरी तर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।
वित्त मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर महीने में सीबीडीटी, सदस्य (विधि) अखिलेश रंजन को टास्क फोर्स का कन्वेनर (संयोजक) बनाया था। रंजन को अरविंद मोदी के सेवानिवृत होने के बाद इस पद पर रखा गया है। अधिकारी ने बताया, " टास्क फोर्स ने वित्त मंत्री को अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी है। इसने रिपोर्ट जमा करने के लिए दो से तीन महीने का और समय मांगा है।"
इस टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों में गिरीश आहूजा (चार्टेड एकाउंटेंट,) राजीव मेमानी (ईवाई के चेयरमैन और क्षेत्रीय निदेशक), मुकेश पटेल (कर मामलों के वकील), मानसी केडिया (परामर्शदाता इक्रियर) तथा जीसी श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त आईआरएस तथा वकील) शामिल हैं।
तीन महीने का समय दिए जाने के बावजूद टास्क फोर्स की रिपोर्ट के 2019-20 के अंतिम बजट से पहले पेश होने की उम्मीद है। आम चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2017 में कर अधिकारियों के वार्षिक सम्मेलन में कहा था कि आयकर अधिनियम 1961 को 50 साल से ज्यादा का समय हो गया है और इसे दोबारा से तैयार किए जाने की जरूरत है।