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नए बैंक लाइसेंस मार्च के अंत तक

नई दिल्ली [जाब्यू]। बहुत संभव है कि चालू वित्त वर्ष समाप्त होते-होते रिजर्व बैंक [आरबीआइ] कुछ नए बैंक लाइसेंस जारी कर दे। नए बैंक लाइसेंस पर गठित बिमल जालान समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अगले महीने की शुरुआत में आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन इस रिपोर्ट पर विचार कर वित्त मंत्रालय के साथ लाइसेंस जारी करने संबंधी प्रक्रिया शुरू कर स

By Edited By: Published: Tue, 25 Feb 2014 09:05 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2014 09:05 PM (IST)
नए बैंक लाइसेंस मार्च के अंत तक

नई दिल्ली [जाब्यू]। बहुत संभव है कि चालू वित्त वर्ष समाप्त होते-होते रिजर्व बैंक [आरबीआइ] कुछ नए बैंक लाइसेंस जारी कर दे। नए बैंक लाइसेंस पर गठित बिमल जालान समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अगले महीने की शुरुआत में आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन इस रिपोर्ट पर विचार कर वित्त मंत्रालय के साथ लाइसेंस जारी करने संबंधी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह दीगर है कि इस घोषणा में चुनाव आचार संहिता भी आड़े आ सकती है।

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रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर जालान की अध्यक्षता में बनी इस उच्च स्तरीय समिति ने बैंक लाइसेंस पाने वाले उम्मीदवारों का नाम अपनी रिपोर्ट में नहीं दिया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि समिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कौन लाइसेंस पाने के योग्य है और कौन नहीं। समझा जाता है कि समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि योग्य कंपनियों वाली सूची में से कुछ को बैंक लाइसेंस दिया जा सकता है।

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राजन जालान समिति की रिपोर्ट पर मार्च के पहले सप्ताह में विचार करेंगे। इसके बाद दूसरे हफ्ते में वित्त मंत्री पी चिदंबरम आरबीआइ के साथ इस विषय पर विचार- विमर्श कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में मार्च के आखिरी सप्ताह में नए बैंक लाइसेंसों की घोषणा की जा सकती है।

नए लाइसेंसों की घोषणा में अभी चुनाव आचार संहिता का पेंच भी फंसा है। मगर आरबीआइ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस मामले में दो राय बन रही हैं। एक यह है कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद नए बैंक लाइसेंसों की घोषणा हो सकती है। इसके पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि इसकी प्रक्रिया काफी पहले शुरू हो चुकी है। इसलिए इस पर चुनाव आचार संहिता लागू नहीं होगी। लेकिन वहीं यह भी माना जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद इनका एलान नहीं किया जा सकता। वैसे, वित्त मंत्रालय इस संबंध में चुनाव आयोग की राय या अनुमति लेने के बाद इस बारे में कोई फैसला करेगा।

जालान समिति ने पहली नवंबर, 2013 से बैंक के लिए आए आवेदनों का मूल्यांकन शुरू किया था। इस समिति में जालान के अलावा पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट, पूर्व सेबी प्रमुख सीबी भावे और आरबीआइ बोर्ड के निदेशक नचिकेत मोर शामिल थे। केंद्रीय बैंक को नए बैंक लाइसेंस के लिए 27 आवेदन मिले थे। इनमें अनिल अंबानी समूह, आदित्य बिड़ला समूह, इंडिया पोस्ट और आइएफसीआइ, आइडीएफसी शामिल हैं। टाटा संस ने भी आवेदन किया था, लेकिन बाद में वापस ले लिया था।


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