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आप सोच भी नहीं सकते इतने लोन में डूबा है पाकिस्तान; जीडीपी से 104 फीसद अधिक है लोन

Loan on Pakistan पाकिस्तान लगातार कर्ज के चंगुल में फंसता नजर आ रहा है। उसे अगले तीन साल में आईएमएफ की तुलना में चीन को दोगुनी राशि का भुगतान करना होगा।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:21 AM (IST)
आप सोच भी नहीं सकते इतने लोन में डूबा है पाकिस्तान; जीडीपी से 104 फीसद अधिक है लोन
आप सोच भी नहीं सकते इतने लोन में डूबा है पाकिस्तान; जीडीपी से 104 फीसद अधिक है लोन

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पाकिस्तान भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान को अगले तीन साल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तुलना में चीन को लगभग दोगुनी राशि का भुगतान करना है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को जून 2022 तक चीन को 6.7 अरब डॉलर का भुगतान करना है। यह आंकड़ा आईएमएफ ने दिया है, जिसने हाल में पाकिस्तान को बड़ा बेलआउट पैकेज दिया है। पाकिस्तान को अगले तीन साल में आईएमएफ को 2.8 अरब डॉलर का लोन चुकाना है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लंबे समय से चीन और आईएमएफ पर निर्भर है।

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पाकिस्तान, चीन के बेल्ड एंड रोड इनिशिएटिव का सबसे बड़े बेनिफिशियरी देशों में शामिल है और वित्तीय संकट के समय लगातार चीन से कर्ज लेता रहता है। हालांकि, चीन से मिलने वाला धन उसकी वित्तीय जरूरतों को हिसाब से पूरा नहीं होता है। इस वजह से उसे आईएमएफ के दरवाजे खटखटाना पड़ता है।  

कराची स्थित ऑप्टिमस कैपिटल मैनेजमेंट कंपनी के शोध विभाग के प्रमुख हाफिज फैजान अहमद ने कहा, ''बेल्ट एंड रोड की शुरुआत के बाद बॉरोइंग ने गति पकड़ी है।''

उन्होंने कहा कि चीन से पिछले दो साल में सबसे अधिक कर्ज लिया गया है, जब डॉलर रिजर्व में लगातार कमी आ रही थी। इस वजह से पाकिस्तान की सरकार लगातार लोन ले रही थी। अब तो पाकिस्तान में यह बात होने लगी है कि ये परियोजना देश के खिलाफ चली गई। 

वहीं, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर कर्ज बढ़कर 40.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपया हो गया है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 10.3 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का इजाफा हुआ है।

एसबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक 40.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का कर्ज देश की जीडीपी के 104.3 फीसद के बराबर है। इससे पहले वर्ष 200 में पाकिस्तान का कुल कर्ज और वित्तीय जवाबदेही देश की अर्थव्यवस्था के आकार से बड़ी हो गई थी। 


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