जन धन खाते: 10 हजार रुपये हुई ओवरड्राफ्ट की सुविधा, नए खातों पर मिलेगा 2 लाख का दुर्घटना बीमा
खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा का इस्तेमाल करते समय दो हजार रुपये उनके खाते से निकालने के लिए किसी भी शर्त का पालन नहीं करना पड़ेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चुनावी साल में गरीबों को तोहफा देते हुए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत पांच हजार रुपये के ओवरड्राफ्ट की सुविधा को दोगुना कर 10,000 रुपये कर दिया है। साथ ही इस योजना के तहत अब प्रत्येक परिवार की जगह प्रत्येक वयस्क व्यक्ति का खाता खोलने पर जोर दिया जाएगा। जो भी नए खाते खुलेंगे, उन्हें दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इसकी घोषणा की। जेटली ने कहा कि सरकार ने फाइनेंशियल इंक्लूजन के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री जन धन योजना को 14 अगस्त 2018 से आगे भी जारी रखने का फैसला किया है। अब इस योजना के तहत खाताधारकों को 10 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी। अभी तक यह सुविधा 5,000 रुपये की थी। खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा का इस्तेमाल करते समय दो हजार रुपये उनके खाते से निकालने के लिए किसी भी शर्त का पालन नहीं करना पड़ेगा। पहले ओवरड्राफ्ट की सुविधा 18 से 60 वर्ष तक के खाताधारकों को उपलब्ध थी। अब 65 वर्ष तक की उम्र वाले खाताधारकों को भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।
असल में ओवरड्राफ्ट की सुविधा का मतलब यह है कि अगर किसी जन धन खाता धारक के बैंक खाते का रिकॉर्ड अच्छा है तो वह जरूरत पड़ने पर इस धनराशि का इस्तेमाल कर सकता है। यह सुविधा मिलने पर गरीब परिवारों को साहूकारों से उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
जन धन योजना को ओपनएंड रखा गया है। इसका मतलब यह है कि यह योजना अब आगे भी जारी रहेगी। जेटली ने कहा कि अब तक इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को बैंक खाता खोलने पर जोर था। अब प्रत्येक वयस्क व्यक्ति का खाता खोला जाएगा। जिस नए खाताधारकों को रुपे कार्ड मिलेगा, उन्हें दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा की सुविधा मिलेगी। पहले यह सुविधा एक लाख रुपये तक के दुर्घटना बीमा की थी। इस तरह यह सुविधा भी बढ़ाकर दोगुनी कर दी है।
जेटली ने कहा कि जन धन योजना 14 अगस्त 2014 को मंजूर हुई और 28 अगस्त 2014 को लांच हुई। इस योजना के तहत बीते चार साल में 32.41 बैंक खाते खोले जा चुके हैं। पिछले चार वर्षो में पूरी दुनिया में 51.5 करोड़ बैंक खाते खुले जिनमें से 32.41 करोड़ जन धन के खाते हैं।