प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय पर विचार के बाद ही उत्पादन घटाएगा ओपेक
पिछले कुछ समय के दौरान दुनियाभर में भारत के बढ़ते रसूख की बानगी के तौर पर फालिह का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। तेल उत्पादन घटाने पर फैसले के लिए जिस ओपेक की बैठक पर दुनियाभर की नजर है, उसके एक सदस्य सऊदी अरब की निगाह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय पर टिकी है। सऊदी ने कहा है कि उत्पादन कटौती के किसी भी फैसले से पहले संगठन मोदी की राय पर गंभीरता से विचार करेगा। तेल उत्पादक और निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की बैठक में सऊदी के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फालिह ने कहा कि मोदी उपभोक्ता देशों के विचारों का प्रमुखता से प्रतिनिधित्व करते हैं।
पिछले कुछ समय के दौरान दुनियाभर में भारत के बढ़ते रसूख की बानगी के तौर पर फालिह का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हम मोदी की राय पर बेहद संजीदगी से विचार करेंगे, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की तरह वे भी इस मुद्दे पर मुखरता से राय रखते हैं। हम उनसे ब्यूनस आयर्स में हाल ही में जी-20 सम्मेलन में मिले हैं। उन्होंने निजी वार्तालाप के दौरान बेहद मजबूती के साथ अपने विचार रखे, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय ग्राहकों की चिंता है और वे इस बारे में बेहद गंभीर हैं। मैं भारत में ऊर्जा क्षेत्र के तीन सम्मेलनों के दौरान उनसे मिला, जहां वे इस मुद्दे पर खासा मुखर दिखे।’
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता देश है। अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर 80 फीसद से ज्यादा निर्भर है। अगर ओपेक तेल उत्पादन घटाता है, तो दाम बढ़ने से भारत सीधे तौर पर प्रभावित होगा। मोदी के नेतृत्व में प्रमुख उपभोक्ता देश ओपेक के समक्ष लगातार यह प्रस्ताव रख रहे हैं कि ओपेक को कच्चे तेल की वाजिब और जिम्मेदारीपूर्ण दर रखनी चाहिए। बैठक से ट्रंप की उम्मीदों के बारे में कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश है। दुनियाभर की खपत में उसकी कम से कम 20 फीसद हिस्सेदारी है, और हर उपभोक्ता देश वाजिब दरों पर ऊर्जा की खरीद करना चाहता है। गौरतलब है कि गुरुवार को ओपेक बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था कि उन्हें ओपेक से तेल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न नहीं करने की उम्मीद है।