अगली तिमाही में केवल 5% कंपनियों की नई नियुक्ति की योजना, जानें किन सेक्टर्स में मिल सकते हैं नए अवसर
भारत 44 देशों में से उन शीर्ष चार देशों में शामिल है जहां नियुक्ति का परिदृश्य अब भी सकारात्मक बना हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत में आने वाले समय में नई नौकरियों के अवसर से जुड़ा परिदृश्य बहुत अच्छा नजर नहीं आ रहा है क्योंकि महज पांच फीसद कंपनियां अगले तीन माह के दौरान कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना पर काम कर रही हैं। कॉरपोरेट कंपनियां 'वेट-एंड वॉच' की रणनीति के साथ लॉकडाउन के बाद के समय के लिए तैयारी कर रही हैं। मैनपावरग्रुप इम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान नेट इम्प्लॉयमेंट आउटलुक पांच फीसद पर है, जो सर्वे की शुरुआत से लेकर अब तक का न्यूतनम स्तर है। इस सर्वे की शुरुआत 15 साल पहले हुई थी।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि भारत 44 देशों में से उन शीर्ष चार देशों में शामिल है, जहां नियुक्ति का परिदृश्य अब भी सकारात्मक बना हुआ है। अन्य तीन देश जापान (11 फीसद), चीन (तीन फीसद) और ताईवान (तीन फीसद) हैं।
मैनपावरग्रुप इंडिया के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा, ''देश का उद्योग जगत आर्थिक सुस्ती की वजह से अपने कर्मचारियों की संख्या को रेशनलाइज करने में लगा है। वास्तव में वे वेंट एंड वॉच की स्थिति में हैं। कंपनियां लॉकडाउन के बाद के समय के लिए तैयारियों में जुटी हैं, जहां उन्हें लगता है कि डिमांड में बढ़ोत्तरी होगी।''
उन्होंने कहा कि भारत आशावादी है और सरकार के प्रोत्साहन पैकेज से विभिन् सेक्टर्स में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। गुलाटी ने कहा कि सरकार का फोकस देश के रोजगार दर पर है। ये दोनों पहलू इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले नौकरी ढूंढने वालों के लिए आशा की नई किरण ला सकते हैं।
गुलाटी ने कहा कि माइनिंग एंड कंस्ट्रक्शन, फाइनेंस, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट सेक्टर जॉब मार्केट में अग्रणी स्थान पर रहेंगे।