दिसंबर तक एचपीसीएल का अधिग्रहण करेगी ओएनजीसी
ओएनजीसी ने इस सौदे के लिए एसबीआइ कैप्स और सिटी ग्रुप को मर्चेट बैंकर बनाया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सार्वजनिक उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) नवंबर-दिसंबर तक हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का अधिग्रहण कर लेगी। ओएनजीसी बाजार मूल्य पर एचपीसीएल में सरकार की 51.11 फीसद हिस्सेदारी को बल्क या ब्लॉक डील के रूप में खरीदेगी। मालिकाना हक के तौर पर देखा जाए तो सौदे के बाद भी एचपीसीएल पर सरकार का अधिकार बना रहेगा। यह अधिकार ओएनजीसी के माध्यम से होगा जो पेट्रोलियम मंत्रलय के अधीन है।
इस सौदे से वर्तमान बाजार मूल्य पर सरकार को 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलने की उम्मीद है। सरकार चाहती है कि यह सौदा अक्टूबर में पूरा हो जाए। हालांकि ओएनजीसी अधिग्रहण के लिए जरूरी पूंजी जुटाने के लिए थोड़ा वक्त चाहती है। सरकार की ट्रांजैक्शन एडवाइजर जेएम फाइनेंशियल और लीगल कंसल्टेंट सिरिल अमरचंद मंगलदास ओएनजीसी के साथ एचपीसीएल के सौदे पर अगले 7-10 दिनों में इन्फॉर्मेशन मेमोरंडम तैयार कर देंगे। ओएनजीसी ने इस सौदे के लिए एसबीआइ कैप्स और सिटी ग्रुप को मर्चेट बैंकर बनाया है।
नई रिफाइनरी को मंजूरी दी आइओसी ने
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के बोर्ड ने सहयोगी कंपनी चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (सीपीसीएल) की नई रिफाइनरी लगाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। तमिलनाडु के कावेरी बेसिन में यह रिफाइनरी 27,460 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की जाएगी। सीपीसीएल के बोर्ड ने अप्रैल में 90 लाख टन सालाना की क्षमता वाली इस रिफाइनरी की सिफारिश की थी।