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Oil Import Bill: रूस से सस्ता तेल खरीदने से कम हुआ आयात बिल, आठ अरब डॉलर तक की हुई बचत

भारत पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। भारत की इस रणनीति काफी फायदेमंद साबित हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में लगभग 7.9 अरब डॉलर की बचत हुई। इससे चालू खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिली। अप्रैल में रूस से तेल आयात में 13-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 02 May 2024 12:47 PM (IST)
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Oil Import Bill: रूस से सस्ता तेल खरीदने से कम हुआ आयात बिल
नई दिल्ली, आईएएनएस। पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखने की भारत की रणनीति कामयाब रही है। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान देश के तेल आयात बिल में न केवल लगभग 7.9 अरब डॉलर की बचत हुई और बल्कि चालू खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिली।

व्यापार ट्रैकिंग एजेंसियों केप्लर और एलएसईजी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल में भारत ने एक महीने पहले की तुलना में अधिक रूसी तेल का आयात किया। हालांकि इराक और सऊदी अरब से कम तेल आयात किया। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता रहा और उसके बाद इराक और सऊदी अरब रहे है।

अप्रैल में रूस से तेल आयात में जहां 13-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई वहीं इराक से तेल आयात में 20-23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि मात्रा के संदर्भ में, वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 11 महीनों में रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई है।

वित्त वर्ष 2021-22 में यह हिस्सेदारी दो प्रतिशत थी। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत की हिस्सेदारी घटकर 23 प्रतिशत पर आ गई है।