घाटे में चल रही कंपनियों में लगातार निवेश से शेयरधारकों को हुआ नुकसान: नुस्ली वाडिया
लगातार घाटे में चल रही कंपनियों में टाटा केमिकल्स की ओर से निरंतर निवेश किये जाने के कारण शेयरधारकों को नुकसान हो रहा है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। टाटा केमिकल्स के स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया ने कहा है कि विदेशी कंपनियों खासकर ब्रिटेन की लगातार घाटे में चल रही कंपनियों में टाटा केमिकल्स द्वारा निरंतर निवेश किये जाने के कारण शेयरधारकों को नुकसान हो रहा है। इसके कारण कंपनी पर पिछले दस साल में 8695 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया।
टाटा संस ने टाटा केमिकल्स से वाडिया को हटाने का प्रस्ताव रखा है। इस पर कंपनी ने 23 दिसंबर को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई है। इस बैठक से पहले वाडिया ने कंपनी के शेयरधारकों को भेजे पत्र में यह मसला उठाया है। उन्होंने अपने विरुद्ध लगाये गये तमाम आरोपों को निराधार और असत्य बताया है। वाडिया ने पत्र में कहा कि वह कई वर्षो से कंपनी के वित्तीय संसाधन घाटे वाले कारोबारों में दिये जाने पर चिंता जताते रहे हैं।
2005 में ब्रुनेर मोंड ग्रुप को अधिग्रहण किये जाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने और कुछ अन्य निदेशकों ने इस अधिग्रहण के प्रस्ताव पर चिंता जताई थी। हालांकि बाद में अधिग्रहण का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। यह कंपनी 800 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। लगातार घाटे के कारण अब तक इसके कारण टाटा केमिकल्स को 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। वाडिया ने खुद पर लगाये गये तमाम आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि टाटा केमिकल्स ने समूह की तमाम सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश सिर्फ इस मकसद से किया कि टाटा संस का नियंत्रण और वोटिंग अधिकार बना रहे। अगर यह निवेश वापस निकाल लिया जाए तो टाटा केमिकल्स पूरी तरह कर्ज मुक्त हो सकती है।