नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा और टाटा संस के खिलाफ दर्ज किया मानहानि का केस
साइरस मिस्त्री के बाद अब टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में स्वतंत्र निदेशक रहे नुस्ली वाडिया ने टाटा संस और रतन टाटा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है
नई दिल्ली। टाटा समूह की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। साइरस मिस्त्री के बाद अब टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में स्वतंत्र निदेशक रहे नुस्ली वाडिया ने टाटा संस और रतन टाटा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है। आपको बता दें कि इससे पहले सुबह टाटा मोटर्स की ईजीएम में शेयरधारकों ने नुस्ली वाडिया को कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के पद से हटा दिया है। नुस्ली वाडिया को स्वतंत्र निदेशक पद से हटाए जाने के पक्ष में 71 फीसदी वोट डाले गए हैं।
टाटा मोटर्स की ईजीएम से पहले नुस्ली वाडिया ने शेयरहोल्डर्स से अपील की थी कि वो अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करें। वाडिया ने शेयरहोल्डर्स को 4 पन्ने का एक पत्र लिखा था, जिसके जरिए शेयरहोल्डर्स से अपील की गई थी कि कंपनी के लिए क्या सही है उसे देखते हुए आपके पास अंपनी अंतरात्मा की आवाज सुन वोट करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा था कि स्वतंत्र निदेशकों के संस्थानों के लिहाज से भी शेयरधारकों का वोट काफी अहम है।
वाडिया को टाटा स्टील के निदेशक पद से हटाया गया
बुधवार को हुई टाटा स्टील की ईजीएम में डायरेक्टर नुस्ली वाडिया को हटाने पर वोटिंग हुई थी। इसमें 92 शेयरधारकों ने वोटिंग की और अधिकांश शेयरधारकों ने रतन टाटा का समर्थन किया। नुस्ली के हटाए जाने के पक्ष में 90.80 फीसदी शेयरहोल्डार्स ने वोट दिया। टाटा स्टील की ईजीएम में वाडिया शामिल नहीं हुए। नुस्ली वाडिया इस ईजीएम में नहीं पहुंचे और उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में हुई ईजीएम में एकतरफा फैसले लिए गए हैं।
इस ईजीएम के बाद अंतरिम चेयरमैन ओ पी भट्ट ने अपनी सफाई में कहा कि कंपनी के कामकाज में टाटा संस का कोई दखल नहीं है और कोरस की खरीद के लिए स्वतंत्र निदेशकों की मंजूरी ली गई थी।