NSE ने इन नौ कंपनियों को अपने प्लेटफार्म से हटाया, 17 अक्टूबर है आखिरी तारीख
शनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) 17 अक्टूबर से लैंको इंफ्राटेक और मोजर बेयर समेत नौ कंपनियों को अपने प्लेटफार्म से हटा (डीलिस्ट) देगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) 17 अक्टूबर से लैंको इंफ्राटेक और मोजर बेयर समेत नौ कंपनियों को अपने प्लेटफार्म से हटा (डीलिस्ट) देगा। इन दो कंपनियों के अलावा एनएसइ अमर रेमेडीज, सुप्रीम टेक्स मार्ट, सैमटेल कलर, हिंदुस्तान डोर-ओलिवर, सर्वलक्ष्मी पेपर, एलएमएल और हानुंग टॉयज एंड टेक्सटाइल्स को भी डीलिस्ट कर देगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक, ये नौ कंपनियां लिक्विडेशन से गुजर रही हैं। एक सर्कुलर में कहा गया है कि एनएसइ ने 17 अक्टूबर 2018 से इन कंपनियों के इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग खत्म करने का फैसला किया है।
बता दें कि शेयर बाजार पिछले कुछ महीनों से उन कंपनियों को अपने प्लेटफार्म से हटा रहा है जो छह महीने से अधिक समय से निलंबित हैं और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार वे लिक्विडेशन की प्रक्रिया में हैं। मालूम हो कि एनएसई ने सितंबर में 14 कंपनियों को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया था।
डीलिस्टिंग के नियमों के तहत डीलिस्टिंग कंपनी, उसके निदेशक, प्रमोटर और समूह इसके प्लेटफार्म से हटने की तारीख से लेकर 10 साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कोई भी काम काज नहीं कर पाएंगे। इन कंपनियों के प्रमोटर्स को बीएसई की ओर से नियुक्त एक स्वतंत्र वैल्यूअर के अनुसार, निर्धारित कीमतों के हिसाब से ही मौजूदा शेयरधारकों के शेयर खरीदने होंगे। इन कंपनियों को सेबी द्वारा सलाह के अनुसार पांच साल के लिए एक्सचेंज के प्रसार बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
क्या होती है डिलिस्टिंग
डिलिस्टिंग के बाद डिलिस्टेड कंपनी के शेयर बाजार में खरीदने या बेचने के लिए उपलब्ध नहीं रहते। किसी कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी वाले प्रमोटर नियमन से जुड़ी जरूरी शर्तों से बचने या शेयरहोल्डरों के दबाव में डिलिस्टिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह स्वैच्छिक भी हो सकती या बाध्यकारी भी। डिलिस्ट होने के हालत में जिन शेयरधारकों के पास शेयर होते हैं उनके लिए इसे सौंप देना जरूरी नहीं होता है।