FY19 के मध्य तक NPA अपनी उच्चतम स्थिति में होगा, कर्ज की कमजोर मांग का होगा असर: क्रिसिल
क्रिसिल का मानना है कि इस वित्त वर्ष के दौरान एनपीए की दर 11.5 फीसद के साथ शिखर पर पहुंच जाएगी, हालांकि मार्च 2019 में यह घटकर 10.3 फीसद पर आ जाएगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ऐसे समय में जब बैंक अपने डेड एसेट्स (खराब परिसंपत्तियां) के ढेर को बढ़ता हुआ देख रहे हैं, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चेताया है कि फ्रॉड और अनियमितताओं के आरोपों पर बैंकों के खिलाफ जो जांच प्रक्रियाएं जारी हैं वो नए वित्त वर्ष में क्रेडिट ग्रोथ को नुकसान पहुंचाएंगी।
क्रिसिल ने FY19 को देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए गणना वर्ष बताते हुए कहा कि 12 फरवरी को घोषित किए गए बैड लोन प्रस्ताव मानदंडों का भारी संशोधन मार्च 2018 के नंबर्स में खराब संपत्तियों की संख्या में इजाफा करेगा। लेकिन 2018-19 के मध्य तक उच्चतम स्तर पर जाने के बाद धीरे-धीरे नीचे आ जाएगी। वरिष्ठ निदेशक सोमशेखर वेमुरी ने एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि एजेंसी को उम्मीद है कि सकल एनपीए मार्च की तिमाही में 11 फीसदी तक बढ़ेगी जो एक साल पहले 9.4 फीसद थी। साथ ही यह इस वित्त वर्ष के दौरान 11.5 फीसद के साथ शिखर पर पहुंच जाएगी, हालांकि मार्च 2019 में यह घटकर 10.3 फीसद पर आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि एनपीए की चिंताएं खत्म हो जाने पर, लोन ग्रोथ की मुख्य गतिविधियों और संचालन लागत पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, लेकिन यह सुझाव दिया जा सकता है कि 12,900 करोड़ का नीरव मोदी घोटाला और आईसीआईसीआई बैंक पर हाल फिलहाल में लगे आरोप इन गतिविधियों को हतोस्ताहित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “इस तरह के फ्रॉड के मामले क्रेडिट ग्रोथ को नीचे ला सकते हैं।”