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एसटीडी नंबरों के पहले नहीं लगाना पड़ेगा 0 या +91

अब आपको अपने मोबाइल पर एसटीडी के लिए नंबर से पहले शून्य (0) या +91 लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देशभर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लागू करने में यह एक बड़ी रुकावट थी, जो अब दूर हो गई है। कुछ दूरसंचार ऑपरेटरों ने एसटीडी मोबाइल नंबरों पर कॉल करने

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 20 May 2015 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2015 09:10 PM (IST)

नई दिल्ली। अब आपको अपने मोबाइल पर एसटीडी के लिए नंबर से पहले शून्य (0) या +91 लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देशभर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लागू करने में यह एक बड़ी रुकावट थी, जो अब दूर हो गई है। कुछ दूरसंचार ऑपरेटरों ने एसटीडी मोबाइल नंबरों पर कॉल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना शुरू कर दिया है। अभी तक तक होम नेटवर्क से बाहर के किसी भी नंबर पर कॉल करने से पहले उसके आगे 0 या +91 लगाना पड़ता था।

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इससे पहले दूरसंचार विभाग ने नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को पूरी तरह से लागू करने की डेडलाइन को दो महीने आगे बढ़ाकर जुलाई कर दिया था। इस सुविधा के पूरी तरह लागू होने के बाद उपभोक्ता अपना पुराना नंबर कायम रखते हुए देश भर में कहीं पर भी अपना टेलीकॉम ऑपरेटर बदल सकते हैं। जबकि मौजूदा व्यवस्था में लोग अपने ही सर्किल में ऑपरेटर बदल सकते हैं जहां उनका नंबर रजिस्टर्ड है।

दूरसंचार उद्योग ने सरकार से एमएनपी लागू करने के लिए तीन मई की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने की सिफारिश की थी, ताकि नेटवर्क में तकनीकी बदलाव किए जा सकें। इनमें नेशनल नंब¨रग प्लान बदलने की भी बात की गई थी, इसमें दो महीने लग सकते हैं। इसी बदलाव के चलते एसटीडी मोबाइल नंबरों के आगे 0 या +91 लगाने की जरूरत को खत्म किया गया है। पहले ऑपरेटर लोकल व एसटीडी नंबरों में फर्क कर सकते थे। वहीं, अब सभी नंबरों का डायलिंग पैटर्न एक जैसा हो जाएगा। दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम नियामक ट्राई की सिफारिशों को पिछले साल तीन नवंबर को मान लिया था। इन बदलावों को लागू करने के लिए ऑपरेटर्स को तीन मई तक की मोहलत दी गई थी।

यह है नेशनल एमएनपी

फिलहाल किसी भी सर्किल का कोई मोबाइल उपभोक्ता अपने मौजूदा नंबर को बनाए रखते हुए दूसरे ऑपरेटर की सेवाएं अपने सर्किल में ही ले सकता है। लेकिन नेशनल एमएनपी के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश का उपभोक्ता अपने नंबर को पंजाब या दिल्ली जाने पर भी कायम रख सकेगा। बस उसे वहां के स्थानीय मोबाइल ऑपरेटर से उसी नंबर पर सेवाएं लेनी होंगी। इसका मतलब यह हुआ कि एक ही मोबाइल नंबर को पूरे देश में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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