भारत को 8 से 9 फीसद की ग्रोथ हासिल करने के लिए और सुधारों की जरूरत: नोरियल रोबिनी
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 फीसद होने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में दर्ज 7.1 फीसद की तुलना में कम है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत अगर 8 से 9 फीसद की जीडीपी ग्रोथ से बढ़ना चाहता है तो उसे और आर्थिक सुधार करने होंगे। यह बात नोबल लेक्चरर नोरियल रोबिनी ने कही है। विख्यात अर्थशास्त्री ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती तेल की कीमतों के खिलाफ भी चेतावनी देते हुए कहा कि यह मुद्रास्फीति के साथ ही व्यापार और राजकोषीय संतुलन के लिए समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
रोबिनी ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा, “भारत के बारे में मेरा अवलोकन यह है कि भारत का दीर्घकालिक आर्थिक भविष्य उज्ज्वल है...। भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि को 7 फीसद से ऊपर और 8 से 9 फीसद तक बढ़ाने के लिए अधिक आर्थिक सुधार और अधिक स्थाई स्थिरीकरण करना चाहिए।”
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 फीसद होने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में दर्ज 7.1 फीसद की तुलना में कम है। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 जो कि 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है के लिए 7 से 7.5 फीसद ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल चले जाने का जिक्र करते हुए रोबिनी ने कहा कि यह एक "अस्थायी कारक" है जो कि वैश्विक और राजनीतिक विकास से प्रेरित होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत जो कि काफी हद तक तेल के आयात पर निर्भर है और इससे अल्प अवधि में कोर इन्फ्लेशन में पर असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि इसके पहले मोर्गन स्टैनले भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगा चुका है।